Yogi govt: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मकान मालिक और किराएदारों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवादों को खत्म करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। इन विवादों की मुख्य वजह रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट (किराया अनुबंध) का न होना है, जिसका प्रमुख कारण अभी तक लगने वाला अत्यधिक स्टांप शुल्क था। वर्तमान में यह शुल्क किराए की राशि का चार प्रतिशत होता है, जिससे बचने के लिए अधिकतर लोग पंजीकृत करारनामा नहीं कराते थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब इस स्टांप ड्यूटी को घटाकर फिक्स करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह कदम किराएदारों को बड़ी राहत देगा और मकान मालिकों से होने वाले विवादों को समाप्त करने में सहायक होगा। सरकार ने पूर्व की प्रस्तावित नीति को खारिज कर नया प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट से पास कराकर लागू किया जाएगा। यह नई पहल पारदर्शिता और कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
फिक्स स्टांप शुल्क की नई दरें
Yogi govt ने अलग-अलग किराए और अवधि के लिए फिक्स स्टांप शुल्क की नई श्रेणियां प्रस्तावित की हैं। ये दरें पंजीकृत किरायानामा को 500 रुपये से 10,000 रुपये के बीच सीमित करेंगी। पहले चरण में यह छूट छह माह के लिए लागू करने की तैयारी है, जिसके अनुभव के आधार पर भविष्य में इसकी समय-सीमा बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
सालाना किराया (औसतन) |
1 साल तक का करारनामा |
1 से 5 साल का करारनामा |
5 से 10 साल का करारनामा |
₹2 लाख तक |
₹500 |
₹1,500 |
₹2,000 |
₹2 लाख से ₹6 लाख तक |
₹1,500 |
₹4,500 |
₹7,500 |
₹6 लाख से ₹10 लाख तक |
₹2,500 |
₹6,000 |
₹10,000 |
करारनामे की अवधि और दायरा
प्रस्तावित नई दरों और नई श्रेणियों के दायरे में औसतन सालाना दो लाख रुपये तक किराया वाले मकानों को प्रमुखता से रखा जाएगा। नया करारनामा एक साल से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए कराया जा सकेगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि अवधि समाप्त होने से पहले ही नया करारनामा कराना अनिवार्य होगा। इस पहल से किराएदार और मकान मालिक दोनों को कानूनी रूप से संरक्षित महसूस होगा और रेंट एग्रीमेंट से जुड़ी असुविधाएं और वित्तीय बोझ कम होंगे।
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर भी छूट
रेंट एग्रीमेंट के अलावा, Yogi govt ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। परिवहन विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की खरीद पर रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में छूट की सुविधा प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह छूट दो साल के लिए यानी 13 अक्तूबर 2027 तक लागू रहेगी। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि यह फैसला प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह सरकारी पहल पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रेंट एग्रीमेंट का स्टांप शुल्क फिक्स करने का यह निर्णय यूपी सरकार की एक जन-हितैषी पहल है, जो मकान मालिक और किराएदारों के बीच संबंधों को अधिक सौहार्दपूर्ण और कानूनी रूप से मजबूत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
