Yogi govt: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में किसानों और चावल मिलों को बड़ी राहत देते हुए नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर रिकवरी छूट को 1% बढ़ा दिया है। यह महत्वपूर्ण फैसला राज्य के 13 से 15 लाख किसानों और 2000 से अधिक राइस मिलों को सीधा लाभ पहुंचाएगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा। इस राहत पैकेज के तहत सरकार ने ₹167 करोड़ की प्रतिपूर्ति देने का प्रावधान किया है।
Yogi govt ने इसे किसानों की आमदनी बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला कदम बताया है। उनका कहना है कि इस छूट से सरकारी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे मिलर्स अधिक उत्साह से भागीदारी करेंगे और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। सरकार के अनुमान के मुताबिक, इस पहल से प्रदेश में लगभग दो लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही, राज्य सरकार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए अन्य राज्यों से चावल मंगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बचत होगी।
कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के लिए करना होगा और इंतजार
वहीं दूसरी ओर, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में जाने की उम्मीद लगाए बैठे उत्तर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। जबकि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 24 अगस्त 2024 को यूपीएस की मंजूरी दी थी और 1 अप्रैल 2025 से इसे प्रभावी कर दिया है, यूपी के कर्मचारियों के लिए अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अभी योजना की कमियों का आकलन कर रहा है। इसके बाद ही इसे यूपी सरकार को भेजा जाएगा। अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार ने बताया कि पीएफआरडीए ने अभी अधिसूचना नहीं भेजी है।
कर्मचारी संगठन लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने यूपीएस की घोषणा की थी।
UPS और NPS में मुख्य अंतर:
| बिंदु | UPS | NPS |
| प्रकृति | निश्चित पेंशन | बाजार आधारित |
| जोखिम | बहुत कम | शेयर बाजार पर निर्भर |
| पेंशन राशि | न्यूनतम ₹10 हजार/माह (दस वर्ष की सेवा के बाद) | जमा राशि और निवेश पर निर्भर |
संक्षेप में, धान रिकवरी छूट तत्काल राहत लेकर आई है, जबकि यूपीएस का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को पीएफआरडीए की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।
