लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश का बांदा, फतेहपुर, हमीरपुर जनपदों को मोरंग-बालू की राजधानी कहा जाता है। अक्टूबर के माह में यहां नदियों की खदाने चालू हो जाती हैं और बड़े पैमाने पर खनन का काम शुरू हो जाता है। खनन माफिया और सरकारी सिस्टम के गठजोड़ के चलते सड़क पर ओवरलोड ट्रकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हो जाती है। इसी सिस्टम पर यूपी STF ने करारी चोट की है। एसटीएफ ने ओवरलोड ट्रकों को दबोचा और बड़े पैमाने पर लाखों की चोरी पकड़ी। जिसके बाद STF ने दोनों जिलों के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों समेत कुल 11 कर्मचारियों के खिलाफ अवैध वसूली और ओवरलोड ट्रकों को मिलीभगत से पास करने के गंभीर आरोपों में केस दर्ज करवाया है। STF के इस एक्शन से हड़कंप मच गया है।
दरअसल, फतेहपुर, बांदा और हमीरपुर स्थित नदियों से बड़े पैमाने पर अवैध खनन की खबरें आती रहती हैं। कुछ दिन पहले हमीरपुर में एसडीएम ने दस किमी तक ओवरलोड ट्रक का पीछा कर उसे पकड़ा था। ट्रक में तय सीमा से अधिक मोरंग मिली थी। एसडीएम ने ट्रक चालक पर केस दर्ज करवाया था। इसी के बाद यूपी एसटीएफ की रडार पर परिवहन विभाग आया। यूपी एसटीएफ ने एआरटीओ समेत 11 कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। एसटीएफ के इंस्पेक्टर की ओऱ से थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि रायबरेली और फतेहपुर के आरटीओ और पीटीआरओ (प्रवर्तन परिवहन अधिकारी) और उनकी टीमों के सदस्य ओवरलोड ट्रकों से मोटी रकम वसूलकर उन्हें बिना किसी जांच के पास करा रहे थे।
यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर की एफआईआर के मुताबिक, यह अवैध वसूली बड़े पैमाने पर हो रही थी, जिसमें ट्रक मालिकों से तय रेट के हिसाब से पैसे लिए जाते थे। कई मामलों में ट्रक बिना वजन जांच और दस्तावेजों की पड़ताल के ही क्लियर कर दिए जाते थे, जिससे सड़क सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा था। सूत्रों के अनुसार, यूपी एसटीएफ को लंबे समय से इन दोनों जिलों में ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थीं। जांच के बाद एसटीएफ ने आखिरकार कार्रवाई की। एफआईआर में नामजद आरोपियों में एआरटीओ रायबरेली, एआरटीओ फतेहपुर, संबंधित पीटीओ और उनकी टीमों के कई सदस्य शामिल हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत की गई है।
इस मुकदमे की खबर फैलते ही यूपी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया। रायबरेली और फतेहपुर के परिवहन कार्यालयों में कर्मचारी सहमे हुए हैं, जबकि उच्चाधिकारी जांच की आशंका से परेशान हैं। सूत्र बता रहे हैं कि एसटीएफ की यह कार्रवाई पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के लिए सबक बन गई है। अन्य जिलों में भी ओवरलोडिंग चेकिंग और वसूली पर सख्त निगरानी बढ़ा दी गई है। क्षेत्राधिकारी लालगंज (रायबरेली) अमित सिंह ने कहा, यूपी एसटीएफ इंस्पेक्टर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आगे की जांच में जो भी संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह जांच का सिर्फ शुरुआती चरण है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।
बता दें, यूपी में ओवरलोड ट्रकों की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। खनन, निर्माण और परिवहन क्षेत्र से जुड़े ट्रक अक्सर निर्धारित वजन से ज्यादा माल लादकर सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं और सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा था। एसटीएफ को ट्रक चालकों, मालिकों और आम नागरिकों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। आखिरकार, सबूतों के आधार पर यह बड़ी कार्रवाई हुई।
