यूपी विधानसभा में गुरूवार का दिन महिला सदस्यों के लिए विशेष रूप से आरक्षित किया गया था। इस दौरान समाजवादी पार्टी की विधायक रागिनी सोनकर विधानसभा जोरदार भाषण दिया। जिसके लेकर वह खूब चर्चाएं बटौर रही हैं। उन्होंने विधानसभा में महिलाओं को पुरुष के समान अधिकार मिलने की बात पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने योगी सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कल तक सिर्फ अंधा राजा था, आज गूंगा-बहरा भी है। होंठ सी दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है।
अनुदान के लिए बजट नहीं
उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं को कागजी करार करते हुए कहा कि उनका जमीनी तौर पर कोई रिकॉर्ड नहीं है। कहा कि “सरकार ने कन्या अनुदान का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जो गरीब परिवार अपने बच्चों की शादी नहीं कर पाए। उन्होंने थोड़े समय पहले ही शादियां की हैं। जबकि मेरे विधानसभा क्षेत्र से कई परिवारों ने अनुदान की आस लगाए बैठें थे। लेकिन उन्हें अनुदान नहीं मिला और जब अधिकारियों से बात की जाती है तो वह कहते हैं इसके लिए कोई बजट ही नहीं है।”
उन्होंने ने आगे कहा कि कई ऐसे मामले हैं जब महिलाओं को रात-रात भर थाने में बैठाकर रखते हैं फिर भी एफआईआर नहीं होती है। उस पर योगी सरकार कब मंथन करेगी, कब ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की होगी।
90 हजार से ज्यादा वोटों से की जीत हासिल
दरअसल विधानसभा में गुरूवार को महिला सदस्यों के लिए विशेष रूप से आरक्षित किया गया था। जिसके तहत सदन में महिला विधायकों को विशेष रूप से बोलने का मौका दिया गया। इस दौरान कई सदस्यों ने अपनी बात रखी। इसी बीच रागिनी सोनकर ने भी एक भाषण दिया जिससे वह सुर्खिया बटोर रही हैं।
बता दें कि रागिनी सोनकर ने एम्स, आरजी और मेडिकल कॉलेज कोलकाता से मेडिकल की पढ़ाई की है। रागिनी के पास एमबीबीएस और एमडी की डिग्री है। जबकि रागिनी के पिता कैलाश सोनकर वाराणसी की अजगरा सीट से विधायक हैं। रागिनी पॉलिटिक्स में आने से पहले एम्स के नेत्र विभाग में काम करती थीं। अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में रागिनी को मछलीशहर सीट से टिकट दिया था। बता दें कि 4 बार के विधायक रह चुके जगदीश सोनकर का टिकट काटकर रागिनी को मैदान में उतारा गया था। जिसके बाद वह 90 हजार से ज्यादा वोट हासिल कर इस सीट पर जीती थीं।