Mahakumbh Beggars: प्रयागराज महाकुंभ में हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार संगम तट पर भिखारियों की संख्या ने सभी को चौंका दिया है। पुलिस के अनुसार, मेला शुरू होने से पहले करीब 7 हजार भिखारी थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 50 हजार तक पहुंच गई है। इन भिखारियों में कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। उनकी भीख मांगने की अजीबोगरीब तकनीक भी सामने आई है, जिसमें वे जानवरों की चर्बी से नकली घाव तैयार करते हैं। कई बार यह भिखारी श्रद्धालुओं को अपनी दयनीय स्थिति दिखाकर पैसे और अनाज प्राप्त करते हैं।
Mahakumbh के संगम घाट, अक्षय वट और हनुमान मंदिर जैसे प्रमुख स्थानों पर भिखारियों ने अपनी जगहें फिक्स कर रखी हैं। इनकी एक्टिंग इतनी प्रभावी होती है कि श्रद्धालु उनके घावों को देखकर दान करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इन घावों को तैयार करने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे ये घाव ताजा और दर्दनाक दिखते हैं। इस प्रक्रिया में अक्सर दर्दनिवारक बाम भी लगाया जाता है, ताकि मक्खियां घाव पर न बैठें और वह ताजगी बनाए रखे।
जब पत्रकारों ने इन भिखारियों से उनके घावों के बारे में पूछा, तो उन्होंने इसका खुलासा किया कि यह घाव नकली होते हैं और केवल भीख मांगने के लिए बनाए जाते हैं। इस दौरान कई भिखारी कैमरा देखकर अपना चेहरा छिपाने लगते हैं और बात करने से मना कर देते हैं। इसके बावजूद, कुछ भिखारी बताते हैं कि उनका परिवार भी इसी व्यवसाय में शामिल है और वे Mahakumbh में भीख मांगने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
यहां पढ़ें: Mahakumbh 2025: CM योगी ने ऐसे तैयार किया महाकुंभ का प्लान, UP की बढ़ी आमदगी तो ‘शिल्पी’ के चलते ‘मुस्कराई’ त्रिवेणी
भिखारियों की बढ़ती संख्या को लेकर प्रशासन ने भी कदम उठाए हैं। मेला प्राधिकरण के अनुसार, भिखारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 5 टीमों का गठन किया गया है, जो उनकी वेरिफिकेशन और पूछताछ करती हैं। उन्हें वृद्धाश्रम में दो घंटे के लिए रखा जाता है, लेकिन अधिकांश भिखारी फिर से महाकुंभ क्षेत्र में लौट आते हैं।
महाकुंभ का दान का महत्व दुनिया भर में प्रसिद्ध है, और यही कारण है कि बड़ी संख्या में भिखारी इस मेले में पहुंचते हैं।