यूपी के जौनपुर से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक महिला वेस्टइंडीज से जौनपुर पहुंची है। उसके आने का मकसद जानकर आप सोचने पर मजबूर हो जाओगे। दरअसल महिला वेस्टइंडीज से 142 साल बाद अपने पूर्वजों को खोजने के लिए आई है। महिला तीसरी पीढ़ी से है। महिला का नाम निर्मला है। फिलहाल वह बरसठी थाना क्षेत्र के बारीगांव गांव में है। लेकिन अभी तक उसे पूर्वजों का पता नहीं लगा है। इस दौरान महिला पूरे गांव में घूमकर सबसे मुलाकात की है। साथ ही उसने ग्राम प्रधान अर्जुन यादव के घर भोजन किया। जब उसे कुछ पता नहीं लगा तो वह प्रयागराज इस्कॉन मंदिर पर चली गयी।
1880 में अंग्रेज शासन में थे उसके परदादा

महिला ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1880 में अंग्रेज शासन में उसके परदादा थे। उसका नाम विश्वनाथ था। अंग्रेज उन्हें अपने साथ ऑस्ट्रेलिया ले गए थे। तभी से वो लोग वहां रह रहे है। इसके साथ ही परिवार बढ़ा तो परिवार के लोग कई देशों में फैल गए। उसके परिवार के कई लोग इस समय कई देशों में वेस्टइंडीज के गयाना, कनाडा,व साउथ अफ्रीका रह रहे है। वहीं निर्मला के पिता गणेश, व दादा का नाम शिवदयाल है।
उसने हमें ही अपना घर परिवार मान लिया
इसी बची ग्राम प्रधान अर्जुन यादव ने बताया कि निर्मला ने भारतीय दूतावास से संपर्क भी किया। उन्होंने भारतीय दूतावास से अपने परदादा के जन्मस्थान को देखने और परिवार का पता लगाने की इच्छा जाहिर की। निर्मला ने दूतावास के जरिये डीएम जौनपुर से सम्पर्क किया। इसके बाद निर्मला ने जिलाधिकारी से बात की। जिसके बाद वह बरसठी थाने पर पहुंची। वहां पर मौजूद ग्राम प्रधान अर्जुन यादव महिला को अपने साथ गांव ले गए।

जानकारी के अनुसार निर्मला गांव में पहुँच कर काफी प्रभावित हुई है। वह गांव के लोगों से मुलाकात की और अपने साथ लाए प्रसाद के रूप में सभी को मिठाई दी। निर्मला यहां के लोगों से इतनी प्रभावित हुई कि उसने फिर से बारीगांव गांव की बात कही है। हालांकि ग्राम प्रधान ने बताया कि अभी उनके परिवार का पता नही लग पाया। लेकिन उसने हमें ही अपना परिवार और घर मान लियाहै। वह दोबारा आने को कहकर वापस प्रयागराज स्थित इस्कॉन मंदिर चली गयी