आगर: आगरा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एमजी रोड पर ‘बचपन’ भीख मांग रहा है. एक सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. यहां बड़ी संख्या में बच्चे भीख मांग रहे है. इतना ही नहीं, उनको इसके लिए बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है और पॉइंट बांटे जाते हैं.
आगरा में बड़ी संख्या में महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगती हैं. भीख मांगने के लिए कुछ शारीरिक विकलांगता का नाटक करते हैं. सभी बच्चों की जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा काउंसलिंग के लिए भीख मांगने वालों के खिलाफ उक्त अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है.
चौराहों पर लगे स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरों से उनकी निगरानी की जाए ताकि बच्चे संलिप्त न हो सकें. आपको बता दें कि, हाल ही में किए गए एमजी रोड के तीन दिवसीय सर्वेक्षण में 64 बच्चे भीख मांगते पाए सामने आए है.
आगरा के चौराहों पर ये बच्चे भगवान टाकीज, सूरसदन, हरीपर्वत, सेंटजॉस, साई की तकिया तथा प्रतापपुरा प्रतापपुरा चौराहा पर भीख मांगते पाए गए है. जानकारी के अनुसार बच्चों को भीख मागनें के लिए कुछ संदिग्ध लोग टिप्स देते है.
रामबाग, वाटरवर्क्स, भगवान टॉकीज, सूरसदन, हरिपर्वत, सेंट जोस, साई का तकिया और प्रतापपुरा, आगरा किला, पावर हाउस, ईदगाह, आगरा कैंट, राजामंडी, संजय प्लेस, आईएसबीटी जैसे अन्य इनके भिख मांगने के मेन अड्डे है.
बता दें कि, भीख मांगना किशोर न्याय अधिनियम की धारा 76(1) के तहत अपराध है. इसमें भीख मांगने पर पांच साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है. जबकि नाबालिग बच्चों की तस्करी करने पर दस साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है।