लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस को लेकर पूरे देश में चर्चा है। सोशल मीडिया से लेकर गांव, गली और चौपालों पर अतुल सुभाष के इस तरह से दुनिया को अलविदा कहे जाने को गम और गुस्से में हैं। सिस्टम से लेकर सरकार पर आरोप लगाने के अलावा पत्नी व उसके परिवारवालों पर कड़ी से कड़ी कारवाई के साथ ही ‘तारीख-पे-तारीख’, जज की ‘जीहुजूरी’ और पेशकार की पैरवी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग भी लोग कर रहे हैं। राजनेता भी बयान दे रहे हैं तो समाजसेवा से जुड़े संगठन भी अब खुलकर एआई इंजीनियर के पक्ष में उतर आए हैं। ऐसे में न्यूज वन इंडिया अपने इस खास अंक में पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताने जा रहा है।
पहले जानें क्या है पूरा मामला
अतुल सुभाष मूल रूप से बिहार के निवासी थे। वह बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। अतुल की शादी यूपी की जौनपुर निवासी निकिता सिंघानिया से हुई थी। उनका साढ़े चार साल के एक बेटा भी है। अतुल की पत्नी ने उन पर 9 मुकदमे दर्ज करवाए थे। कोर्ट-कचहरी, जज और पेसकार की मार के कारण उन्होंने सुसाइड कर लिया। सुसाइड करने से पहले अतुल ने पूरी कहानी को वीडियो के जरिए बयां की। मामला मीडिया में आने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने मारतहल्ली थाना क्षेत्र में टेकी अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। मुकदमे में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया को मुख्य आरोपी बनाया गया है। जबकि सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया, चाचा सुशील सिंघानिया पर भी केस दर्ज किया गया है। जल्द ही पुलिस नेटिस जारी कर इन्हें तलब कर सकती है।
वीडियो जारी कर बयां की दास्तां
इंजीनियर अतुल सुभाष ने सुसाइड करने से पहले 24 पन्ने का एक सुसाइड नोट लिखा। एक वीडियो भी शेयर किया। जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सुसाइड नोट में बताया कि पत्नी और ससुरालवालों ने उनके खिलाफ साजिश रची है। उन्हें 9 झूठे केसों में फंसाया है। अतुल ने एक महिला जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। अतुल ने सुसाइड करने से पहले मौत के पांच जिम्मेदारों के नाम खोले। उन्होंने कहा, जौनपुर प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट जज रीता कौशिक, पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, मेरा साला अनुराग सिंघिया उर्फ पीयूष सिंघानिया, चाचा ससुर सुशील सिंघानिया के कारण मैं इस दुनिया के अलविदा कह रहा हूं।
अतुल सुभाष ने खुद बयां की अपनी ‘चार्जशीट’
अतुल सुभाष ने प्रताड़ना की पूरी चार्जशीट खुद पढ़ी। उन्होंने कहा, 40 बार मैं कोर्ट डेट्स को अटेंड करने के लिए मैं बेंगलुरु से जौनपुर जा चुका हूं। इसके अलावा मेरे माता-पिता और भाई को भी कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। एक कोर्ट डेट अटेंड करने के लिए मुझे दो दिन का समय लगता है। मुझे साल में सिर्फ 23 छुट्टियां मिलती हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरे लिए कितना मुश्किल होता होगा। ज्यादातर डेट्स पर कुछ नहीं होता है। या तो जज छुट्टी पर होते हैं, या वकीलों की हड़ताल होती है। या फिर दूसरा वकील अगली डेट की डिमांड कर सकता है। यानि आप बस अपना समय बर्बाद करते हो कोर्ट जाकर।
अतुल सुभाष ने बताया मुझ पर 9 केस
अतुल सुभाष ने कहा कि मेरी वाइफ ने मुझ पर 9 मुकदमे दर्ज करवाए। वर्तमान में मेरे खिलाफ 6 केस लोअर कोर्ट में और तीन हाईकोर्ट में चल रहे हैं। एक केस मैंने हाईकोर्ट में डाला है। अतुल ने कहा, मेरे, माता-पिता और भाई के ऊपर धारा 302 मर्डर, धारी 377 (अननेचुरल सेक्स), धारा 498 ए, धारा-323, धारा-406, धारा-506, 504, धारा-125 और दहेज के लिए प्रताड़ना का भी केस डाला गया। हमारे ऊपर आरोप लगाया गया कि मैंने अपने ससुर से 2019 में 10 लाख रुपये का दहेज मांगा, जिसके सदमे से उनकी मौत हो गई। ये भी आरोप लगाया गया कि मेरी इनकम 40 लाख रुपये सालाना है। बाद में इनकम 80 लाख रुपये बताई गई।
अतुल सुभाष ने कहा पत्नी के आरोप निराधार
अतुल ने कहा, इन्होंने ये भी इल्जाम लगाया कि मैंने दहेज की खातिर बच्चे और बीवी को भी छोड़ दिया। ये भी बताना चाहूंगा कि मेरी पत्नी ने बाद में खुद ये कुबूल किया कि उसके पिता की मृत्यु नवंबर 2023 में लंबी बीमारी के कारण हुई। अतुल ने बताया, ससुर को 10 साल से हार्ट और डायबिटीज की शिकायत थी। एम्स में उनका इलाज चला। डॉक्टर्स ने तब बताया था कि ससुर की हालत बहुत खराब है, वह ज्यादा दिन तक नहीं चल सकते। इसी के कारण शादी भी 2019 में काफी जल्दबाजी में हुई। शादी के कुछ माह के बाद ससुर की डेथ हो गई। ससुर की मौत बी दिमाग में ब्लड क्लोटिंग से हुई थी।
अतुल सुभाष ने पत्नी की खोली करतूत
ससुर की मौत के बाद हमारे खिलाफ 2022 में केस किया गया। जबकि 2021 तक पत्नी मेरे साथ ही रहती थी। फिर पिता की मौत के ढाई साल बात उसने केस डाला। इस बात से आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मामले में कितना झोल है। अतुल ने कहा कि पत्नी ने हम पर दूसरा केस अननेचुरल सेक्स का दर्ज करवाया। जबकि हमारा एक बेटा भी है। यानि हमारे बीच संबंध बने हैं। मुझे नहीं पता इसमें क्या अननेचुरल है। न तो पत्नी के पास अननेचुरल सेक्स का कोई प्रूफ और न ही कोई और मेडिकल प्रूफ। अतुल ने बताया, पत्नी से अलग होने से 6 महिने पहले से हमारे बीच शरीरिक संबंध नहीं बने। क्योंकि, पत्नी पत्नी 4 से 5 दिन तक नहाती नहीं थी। इस लिए मैं रोज संबंध बनाने से परहेज करता था
पत्नी ने कोर्ट को किया गुमराह
अतुल ने कहा, पत्नी ने मुझ पर एक केस मेंटेनेंस का दर्ज करवाया। केस जज रीता कौशिक की कोर्ट में दाखिल हुआ। इस मेंटेनेंस केस में पत्नी की डिमांड थी कि मैं उसे हर महीना 2 लाख रुपये दूं। इसके अलावा पत्नी ने एक केस तलाक का भी डाला। फिर 6 महीने बाद उसे वापस ले लिया। अतुल ने कहा, मेरी पत्नी बीटेक कंप्यूटर साइंस, एमबीए फाइनेंस हैं। वो नामी कंपनी में काम करती हैं। पर उसने तलाक का केस वापस ले लिया। उसने कोर्ट में तर्क दिया कि उसके वकील ने बिना पूछे केस किया। जबकि पत्नी पढ़ी लिखी है। पत्नी ने कोर्ट को गुमराह किया। हमने इस पर आपत्ति की तो जज की तरफ से हमें ही फटकार मिली।
अतुल सुभाष को कोर्ट से मिली डांट
अतुल ने कहा, मैंने अपने बच्चे से मिलने के लिए भी कोर्ट में आवेदन दिया। जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट से जब मैंने कहा कि मुझे बार-बार सुनवाई के लिए आने जाने में दिक्कत होती है। ये लोग अगली डेट तुरंत ले लेते हैं। मुझे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फिर भी कोर्ट ने उन्हें किसी भी गलती के लिए डांटा तक नहीं। उल्टा उनके ही हिसाब से डेट पर डेट मुझे दी गई। अतुल ने कहा कि घरेलू हिंसा के केस में दो साल तक पत्नी व वकील कोर्ट में नहीं आए। यह केस 2024 में कुछ महीने पहले ही खारिज हुआ। फिर दोबारा से उन्होंने सितंबर 2024 में घरेलू हिंसा का एक और केस डाल दिया।
अतुल सुभाष ने जज पर लगाए गंभीर आरोप
अतुल ने कहा, सातवां केस हाईकोर्ट में धारा-125 को फास्ट ट्रैक करने के लिए डाला। हाईकोर्ट से आदेश भी मिला कि 6 महीने के अंदर इस केस को खत्म किया जाए। फास्ट ट्रैक होने के कारण मुझे हर हफ्ते कोर्ट से तारीख मिलने लगी। इससे मुझे बेंगलुरु से जौनपुर आने में काफी परेशानी होने लगी। फिर इसी तरह हाईकोर्ट में धारा 498 ए केस को भी डाल दिया गया। उसे भी फास्ट ट्रैक के लिए डाला गया और हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि एक साल के अंदर इसे खत्म किया जाए। लेकिन जज रीता कौशिक ने इसका इस्तेमाल 8 महीने बाद किया।
अतुल सुभाष ने कहा जज ने किया प्रताड़ित
अतुल ने जज रीता कौशिक पर आरोप लगाते हुए कहा, . इसका कारण ये थी मुझे और भी ज्यादा प्रताड़ित किया जाए। ताकि आप हमेशा फास्ट डेट्स को अटेंड करते रहें। नौवें केस में जज रीता कौशिक ने फैसला सुनाया कि मुझे हर महीने 80 हजार रुपये पत्नी और बच्चे के लिए देने होंगे। लेकिन मैंने कोर्ट में प्रूव किया कि मेरी पत्नी अच्छा खासा कमाती है। इसलिए बच्चे के नाम पर मुझसे पैसे लिए जाने का फैसला सुनाया गया। अब कोर्ट में वो एक और केस लड़ रही है कि मुझे और ज्यादा मैंटेनेंस चाहिए।
अतुल सुभाष ने कहा 120 तारीखें मिली
इंजीनियर सुभाष ने अपनी सुसाइड नोट में और भी कई बातें कहीं। ये वीडियो 90 मिनट से भी ज्यादा का है। अंत में अतुल ने अपनी आखिरी इच्छा जाहिर की है, जिसमें कहा है कि उनके मामलों की सारी सुनवाई लाइव होनी चाहिए और देश के लोगों को पता चलना चाहिए कि हमारी कानूनी व्यवस्था किस बुरे दौर से गुजर रही है। अपने वीडियो में अतुल सुभाष ने बताया कि अभी तक अपने मुकदमों में उन्हें कोर्ट से 120 तारीखें मिल चुकी हैं, 40 इस बार वह खुद बेंगलुरु से यूपी के जौनपुर जा चुके थे। केस के सिलसिले में उनके माता-पिता और भाई को भी कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
अतुल सुभाष ने कहा जज ने मांगी रिश्वत
अतुल ने अपने वीडियो में बताया कि जब उन्होंने कोर्ट में आत्महत्या की बात की थी तो जज को इस पर हंसी आ रही थी। इतना ही नहीं, उन्होंने केस को सेटल करने के लिए उनसे 5 लाख रुपये के रिश्वत की मांग की। अतुल ने जज पर उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी अदालत में तारीख के लिए पेशकार को भी घूस देनी पड़ती है। साल 2022 में पेशकार के जरिए उनसे 3 लाख रुपये के रिश्वत की मांग की गई थी। घूस देने से इनकार करने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ एलिमनी और मेंटिनेंस का आदेश जारी कर दिया, जिसके तहत उन्हें हर महीने अपनी पत्नी को 80 हजार रुपये देने का फैसला सुनाया गया।
अतुल सुभाष ने सबकी खोली पोल
अतुल ने वीडियो में कहा, अगर कोर्ट ने मुझे प्रताड़ित करने वालों को बरी कर दिया तो मेरी अस्थियां कोर्ट के बाहर गटर में बहा देना, ताकि मैं जान जाऊं कि इस देश में किसी के जीवन की क्या कीमत है। अतुल ने जज, जज के पेशकार और पुलिस-प्रशासन की कलाई खोली है। अतुल की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लोग न्यायालय पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि आज के आधुनिक दौर में वादी-फरियादी को कोर्ट से सिर्फ तारीख-पे-तारीख ही मिलती हैं। कुछ लोग तो दामिनी फिल्म को भी सोशल मीडिया पर शेयर कर कोर्ट को जगाने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर सिस्टम ठीक से काम करता तो शायद अतुल आज जिंदा होता।
अतुल सुभाष के ससुरालवालों पर एफआईआर
बेंगलुरु पुलिस की तरफ से बताया है कि, अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने शादी के बाद जारी तनाव और उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों तथा उसकी पत्नी, उसके रिश्तेदार एवं उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश द्वारा प्रताड़ित किए जाने का विस्तृत विवरण दिया है। सुभाष का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला। उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली जिसमें लिखा था न्याय मिलना बाकी है। पुलिस ने अतुल के भाई की तहरीर पर पत्नी, सास, साले, चचिया ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साथ ही जज के खिलाफ भी मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
4 करोड़ 53 लाख से ज्यादा केस लंबित
बता दें, नेशनल जुडिशियस की सुप्रीम कोर्ट में 8298 केस लंबित हैं, जो आज तक की सबसे बड़ी संख्या है। देश के सभी हाईकोर्ट्स में 58,59,000 से केस लंबित हैं और इनमें करीब 2,45,000 केस लंबित हैं, जो 20 से 30 साल पुराने हैं। 30 साल से ज्यादा पुराने केसेस की संख्या 62000 है। देश के सभी हाई कोर्ट्स में देश की निचली अदालत की बात करें तो देश की तमाम निचली अदालतों में 4 करोड़ 53 लाख से ज्यादा केस लंबित हैं। अभी कुछ माह पहले फुलनदेवी के नरसंहार को लेकर मामला सुर्खियों में रहा। करीब 39 साल तक चले केस का फैसला हुआ। हैरानी तब हुई कि, वादी, कातिल, गवाह सभी की मौत हो गई और तब फैसला आया।