मायावती की शह पर हुई संगठनात्मक वापसी
आज दिल्ली में आयोजित इस अखिल भारतीय बैठक में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने स्पष्ट किया कि पार्टी को नए जोश की ज़रूरत है, और इसके लिए आकाश आनंद को दोबारा राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया है। यह निर्णय न केवल उनकी क्षमताओं की पुनः स्वीकृति है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बीएसपी एक बार फिर युवाओं को केंद्र में रखकर भविष्य की राजनीति को आकार देना चाहती है। मायावती ने अपने संबोधन में कहा, “गलती करना इंसान की फितरत है, लेकिन उन्हें सुधार कर आगे बढ़ना नेतृत्व की पहचान है।”
बीएसपी के लिए नई जान बने आकाश
Akash Anand को पार्टी के सोशल मीडिया अभियानों और शहरी युवाओं के बीच बढ़ती पैठ के लिए जाना जाता है। 2019 और 2022 के चुनावों में उन्होंने बीएसपी के प्रचार अभियानों को तकनीकी तौर पर मज़बूत किया था। दिल्ली के कोंडली में हालिया रैली ने भी दिखाया कि आकाश अब शहरी दलित मतदाताओं के लिए एक आकर्षण बनते जा रहे हैं। आज की बैठक में आकाश को विशेष रूप से 2027 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें उन्हें युवाओं से संवाद और सोशल मीडिया मैनेजमेंट का दायित्व मिलेगा।
पार्टी में बढ़ेगा स्थायित्व
मार्च 2025 में जब Akash Anand को निकाला गया था, तब बीएसपी में असमंजस और गुटबाजी की स्थिति बन गई थी। अब जबकि उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को बाहर कर दिया गया है, और आकाश ने सार्वजनिक पश्चाताप दिखाया है, तो बीएसपी नेतृत्व में स्थायित्व आने की उम्मीद है। जानकारों का मानना है कि आकाश की वापसी न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि चंद्रशेखर आज़ाद जैसे उभरते दलित नेताओं की चुनौती से भी निपटने में मदद करेगी।
अब नज़र 2027 पर
बीएसपी की यह नई रणनीति बताती है कि पार्टी अब 2027 के चुनाव को लेकर गंभीर हो चुकी है। मायावती भले ही उत्तराधिकारी घोषित न करने पर अडिग हों, लेकिन आकाश आनंद की वापसी यह साफ़ करती है कि बीएसपी एक बार फिर अपने भविष्य की कमान युवाओं के हाथ में देने को तैयार है।