Akhilesh Yadav ने तीन जिलाधिकारियों और चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर आरोप, मामला गरमाया

अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव 2022 के 18,000 एफिडेविट मामले पर चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। कासगंज, जौनपुर और बाराबंकी के तीन जिलाधिकारियों ने उनके आरोपों का जवाब दिया, जिससे राजनीतिक विवाद गरमाया।

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav Affidavit Dispute: उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारियों के बीच राजनीतिक विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में यूपी चुनाव 2022 में मतदाता सूची और एफिडेविट के मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा 18,000 एफिडेविट जमा किए जाने के बावजूद आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके जवाब में कासगंज के जिलाधिकारी प्रणय सिंह, जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र और बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने आरोपों का खंडन किया। अखिलेश यादव ने इसे लेकर चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनसे राजनीतिक हलकों में हलचल मची है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इन डीएम के जवाब को सतही और राजनीतिक भेदभावपूर्ण बताया।

मामला क्या है?

Akhilesh Yadav ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर यूपी चुनाव 2022 में मतदाता सूची में गड़बड़ी और 18,000 एफिडेविट के मुद्दे को उठाया। उनका दावा था कि ये एफिडेविट चुनाव आयोग को भेजे गए, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर कासगंज के डीएम प्रणय सिंह, जौनपुर के डीएम दिनेश चंद्र और बाराबंकी के डीएम शशांक त्रिपाठी ने उनके आरोपों का खंडन किया। इन जिलाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यूपी चुनाव में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई।

कौन हैं ये तीन जिलाधिकारी?

प्रणय सिंह (कासगंज डीएम)
प्रणय सिंह 1989 में जन्मे और 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे गाजियाबाद मूल के हैं। कासगंज के डीएम बनने से पहले वे देवरिया में सहायक मजिस्ट्रेट, सुल्तानपुर में संयुक्त मजिस्ट्रेट और सहारनपुर में मुख्य विकास अधिकारी रहे हैं। उन्होंने वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्त के रूप में भी सेवाएं दी हैं।

दिनेश चंद्र (जौनपुर डीएम)
दिनेश चंद्र 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे बिजनौर के रहने वाले हैं और एलएलबी तक की पढ़ाई कर चुके हैं। जौनपुर डीएम बनने से पहले वे कानपुर देहात, बहराइच और सहारनपुर में डीएम रहे हैं। इसके अलावा उन्हें चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग में विशेष सचिव भी बनाया गया।

शशांक त्रिपाठी (बाराबंकी डीएम)
शशांक त्रिपाठी 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और कानपुर देहात के मूल निवासी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक किया और प्रशासनिक सेवा में आए। वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी अधिकारियों में माने जाते हैं और विशेष सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं।

Akhilesh Yadav ने क्या कहा?

Akhilesh Yadav ने इन डीएम के जवाब पर सवाल उठाया कि इतने वर्षों बाद जवाब क्यों आया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि एफिडेविट नहीं मिले, लेकिन अब डीएम इसी पर जवाब दे रहे हैं, जिससे आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि सतही जवाब से काम नहीं चलेगा और पूरी जांच होनी चाहिए।

सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी सरकार, चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन का यह गठजोड़ लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने इसे “तीन तिगाड़ा” करार देते हुए कहा कि जनता अंततः इस त्रिगुट की अदालत लगाएगी।

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