लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजधानी में बतौर सीआईडी में तैनात एएसपी मुकेश प्रताप सिंह को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। राज बाहर आने के बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आते हुए एएसपी समेत 6 लोगों के खिलाफ महानगर थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई मृतक महिला नितेश सिंह की आत्महत्या की कथित संदिग्ध परिस्थितियों के बाद उसके भाई प्रमोद सिंह की तहरीर के आधार पर की गई है। मृतका का शव घर में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था, लेकिन परिजनों ने हत्या और दमन का आरोप लगाया है। एफआईआर में एएसपी के अलावा उनके माता-पिता, भाई और बहन का नाम भी शामिल है।
दरअसल, बीते दिनों रिजर्व पुलिस लाइन के ट्रांजिट हॉस्टल में सीबीसीआईडी में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मुकेश सिंह की 38 वर्षीय पत्नी नितेश सिंह ने फंदे से लटककर जान दे दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज जांच-पड़ताल शुरू कर दी थी। मृतका नितेश के पिता राकेश बाबू एडवोकेट 2007 से 2017 के बीच दो बार फिरोजाबाद की टूंडला सुरक्षित सीट से बसपा सरकार में विधायक रहे चुके हैं। वर्तमान में वह बीजेपी में हैं। नितेश के भाई प्रमोद भी 2011-12 में फिरोजाबाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं। नितेश के भाई ने एएसपी पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
नीतेश के भाई ने आरोप लगाया कि 30 नवंबर 2012 को उनकी बहन नितेश की शादी मुकेश प्रताप सिंह से हुई। मुकेश इटावा के भीम नगर अजीत नगर इलाके से हैं और वर्तमान में सीबीसीआईडी लखनऊ में तैनात हैं। मामले की गंभीरता तब उजागर हुई जब प्रमोद ने बताया कि शादी के समय से ही मुकेश का कोई अन्य महिला कर्मचारी के साथ अविवाहित प्रेम संबंध था, जो कि नितेश ने मुकेश के व्हाट्सएप संदेशों से जान लिया था। विरोध के बावजूद यह संबंध जारी रहा और उसके घरवालों द्वारा शिकायत करने पर उसे नजरअंदाज किया गया। प्रमोद ने तहरीर में बताया कि नितेश को ससुराल में लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।
पुलिस को दी गई तहरीर में प्रमोद ने बताया कि जब हमलोगों ने मुकेश के परिवारवालों को प्रेम प्रसंग की जानकारी दी, तो किसी ने उसकी कोई सुध ना ली और उल्टा ससुराल पक्ष ने उसे तलाक का दबाव देना शुरू कर दिया। विशेष रूप से आरोप है कि ससुराल में जब शिकायत की गई तो मामला थाने तक पहुंचने की बजाय समझौते के लिए दबाव बनाया गया। इसके अतिरिक्त रमेश चंद्र वर्मा (पिता), सुधा चंद्रा (मां), अनुभव चंद्रा (छोटा भाई) और आस्था (बहन) भी नितेश को प्रताड़ित करने में शामिल रहे। प्रमोद की तहरीर के आधार पर पुलिस ने कई धाराओं में इनसभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की जांच पुलिस के आलाधिकारी कर रहे हैं।
प्रमोद के अनुसार, 30 जुलाई की दोपहर, नितेश ने फोन कर बताया कि परिवार में विवाद हो गया है और उसकी मां फांसी के फंदे से लटकी हुई पाई गई है। प्रमोद तत्काल लखनऊ पुलिस लाइन की ओर रवाना हुए, जहां उन्होंने अपनी बहन का शव घर के फर्श पर पड़ा पाया। मिली जानकारी के अनुसार, इस घटना से कुछ दिन पहले ही मुकेश वाराणसी ड्यूटी पर गए थे। परिवार ने मिलकर उससे बातचीत की और सब कुछ सामान्य बताया, लेकिन यह घटना अचानक और गहराई से पनपी हुई प्रतीत होती है। डीसीपी मध्य शीष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रमोद की तहरीर प्राप्त होने के आधार पर हत्या तथा उत्पीड़न की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
मृतका के भाई का आरोप है शादी के कुछ वर्ष बाद ही मुकेश के आशियाना निवासी पूनम से करीबी संबंध हो गए थे। इस वजह से मुकेश लगातार नितेश को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करते थे। इसकी जानकारी नितेश ने प्रमोद और माता-पिता को दी थी। नितेश ने बताया था कि पूनम से उसके पति फोन व मैसेज से बात करते हैं और घर के बाहर मिलते हैं। प्रमोद ने हर बार बहन को परिवार व बच्चों के भविष्य का हवाला देकर समझा दिया और नितेश को वापस मुकेश के पास भेज दिया। आरोप है कि पूनम के बारे में शिकायत मुकेश के पिता रमेश चंद्र, मां सुधा, भाई अनुभव चंद्रा से की गई, पर उन्होंने आरोपी का ही साथ दिया। इस वजह से नितेश परेशान रहने लगी।