Azam Khan health: उत्तर प्रदेश की रामपुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां की तबीयत जेल के अंदर अचानक बिगड़ गई है। जेल प्रशासन की सतर्कता के बाद उनकी जांच के लिए जिला अस्पताल से दो वरिष्ठ डॉक्टर, जनरल फिजीशियन डॉ. हसीब और सर्जन डॉ. आरिफ रसूल, भेजे गए थे। हालांकि, आजम खां ने मेडिकल जांच कराने से साफ़ इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों चिकित्सकों को वापस लौटना पड़ा। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब तीन दिन पहले ही उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट मामलों में सात साल की सज़ा सुनाई गई है।
इससे पहले, आजम खां अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने के लिए भी मना कर चुके थे। आजम खां और अब्दुल्ला आजम दोनों को दो पैन कार्ड मामले में सात साल की सज़ा के बाद जेल भेजा गया था। जेल प्रशासन इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहा है, लेकिन अंदरूनी तौर पर हड़कंप मचा हुआ है।
सेना पर विवादित बयान मामले में फ़ैसला 11 दिसंबर को
Azam Khan के ख़िलाफ़ चल रहे एक आठ साल पुराने मामले में भी कानूनी कार्यवाही निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। वर्ष 2017 में सेना पर विवादित बयान देने के आरोप में दर्ज हुए इस मामले में शनिवार को अदालत में बहस पूरी हो गई।
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मामला: 2017 में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सेना पर कथित विवादित टिप्पणी।
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शिकायतकर्ता: भाजपा विधायक आकाश सक्सेना।
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फैसले की तारीख: एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट शोभित बंसल की अदालत ने 11 दिसंबर को फैसला सुनाने की तारीख मुकर्रर की है।
सज़ा बढ़वाने के लिए दाखिल हुई अपील
पिछले दिनों दो पैन कार्ड मामले में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट से Azam Khan और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सुनाई गई सात साल की सज़ा को बढ़वाने के लिए भी अपील दाखिल की जा चुकी है। अभियोजन पक्ष ने यह अपील दाखिल की है। इस अपील पर 23 दिसंबर को सुनवाई होने की उम्मीद है।
