Banke Bihari Mandir Trust Bill 2025: मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा में “बांके बिहारी मंदिर न्यास विधेयक, 2025” पेश किया गया। यह विधेयक मई में लागू किए गए अध्यादेश की जगह लेगा और मंदिर के संचालन में एक नई व्यवस्था लाएगा।
न्यास बोर्ड का गठन
विधेयक के अनुसार, मंदिर के देखरेख और संचालन के लिए “श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास” नाम से एक न्यास (Trust) बनाया जाएगा। इसमें कुल 18 सदस्य होंगे। इनमें से 11 सदस्य सरकार द्वारा चुने जाएंगे, जबकि 7 सदस्य पदेन (यानी अपने पद के आधार पर स्वचालित रूप से जुड़े अधिकारी) होंगे। इस ट्रस्ट का काम मंदिर के धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्रशासनिक प्रबंधन पर नजर रखना होगा। इसके साथ ही यह न्यास तीर्थयात्रियों की सुविधाओं, मंदिर के विकास और दान-पत्री से जुड़ी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी भी संभालेगा।
150 साल पुराना मंदिर
मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर करीब 150 साल पुराना है और ब्रज क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में गिना जाता है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। त्योहारों पर तो यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
पुजारियों का विरोध
हालांकि, मंदिर के मौजूदा सेवायत गोस्वामी पुजारी परिवार, जो अब तक मंदिर का मालिकाना हक और देखरेख करता रहा है, इस विधेयक का विरोध कर रहा है। पुजारियों का कहना है कि यह कानून मंदिर पर सरकारी कब्जा जमाने का प्रयास है। उनका आरोप है कि सरकार का असली मकसद मंदिर के धन और नियंत्रण को अपने हाथ में लेना है।
पुजारियों के अनुसार, अब तक मंदिर का संचालन पारंपरिक ढंग से होता आया है और भक्तों की सेवा-पूजा भी उसी प्रणाली से चलती रही है। वे मानते हैं कि इस विधेयक से परंपरागत अधिकार प्रभावित होंगे और धार्मिक आस्था पर सीधा असर पड़ेगा।
सरकार का पक्ष
वहीं, सरकार का कहना है कि इस कदम से मंदिर के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी और भक्तों की सुरक्षा व सुविधा को प्राथमिकता दी जा सकेगी। राज्य सरकार का तर्क है कि जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में आते हैं, तो व्यवस्थाओं के लिए एक मजबूत ढांचा होना जरूरी है।