मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बरेली के दीपमाला हॉस्पिटल में डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा द्वारा एक गरीब परिवार से अमानवीय बर्ताव किया गया था। जांच कमेटी ने प्रारंभिक जांच में डॉक्टर को दोषी पाया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है।
आरोग्य योजना में अस्पताल को किया गया बाहर
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने X (पूर्व ट्विटर) के जरिए इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दीपमाला हॉस्पिटल को अब उत्तर प्रदेश सरकार की आरोग्य योजना के पैनल से बाहर करने की संस्तुति की गई है। इससे अब इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकेगा।
मरीजों के साथ बदसलूकी
ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा, “मरीजों और उनके तीमारदारों से इस तरह की बदसलूकी कतई स्वीकार्य नहीं है। अस्पताल और डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
डॉक्टर ने क्या कहा था?
वायरल हुए वीडियो में डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने अस्पताल में आए गरीब मरीज के परिवार के साथ बेहद अपमानजनक और असंवेदनशील तरीके से बात की। डॉक्टर ने कहा, “सरकारी अस्पतालों में इलाज सिर्फ दिखावा है, वहां न कोई सुविधा है, न ज्ञान।” इसके बाद उन्होंने मरीज से यह भी कहा, “गरीब आदमी को क्यों ले लिया अंदर? तुम लोग जिंदगी भर रोते रहोगे।” इसके अलावा, उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के बारे में भी अपमानजनक टिप्पणी की और कहा, “सरकारी बजट खा जाते हैं नेता और डॉक्टर, सरकारी अस्पताल में न कोई सुविधा है, न ज्ञान।”
सरकार का कड़ा रुख
इस घटना ने बरेली में अस्पतालों के स्टाफ और स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह घटना तब सामने आई, जब एक परिवार ने डॉक्टर के साथ की गई बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। वीडियो में डॉक्टर न सिर्फ गंदे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा था, बल्कि उन्होंने अस्पताल की सरकारी योजनाओं के खिलाफ दुष्प्रचार भी किया।
सरकार ने कार्रवाई की तेजी से शुरुआत की
सरकार द्वारा इस मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया दी गई और जिला प्रशासन को मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के लिए दोषियों को कड़ी सजा दिलवाना उनकी प्राथमिकता है।
न्यूज 1 इंडिया ने खोली थी अस्पताल की सच्चाई
यह खबर सबसे पहले न्यूज 1 इंडिया ने ब्रेक की थी, जिसमें अस्पताल में हुए इस अमानवीय बर्ताव को उजागर किया गया था। चैनल ने डॉक्टरी पेशेवरों द्वारा की गई बदसलूकी की सच्चाई को सामने लाया, जिसके बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई की।