Moradabad BLO suicide: चुनाव ड्यूटी के तहत बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के तौर पर काम कर रहे एक सहायक अध्यापक की आत्महत्या ने पूरे शिक्षा जगत और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। मुरादाबाद में, कंपोजिट विद्यालय जाहिदपुर सीकमपुर के सहायक अध्यापक सर्वेश सिंह ने अत्यधिक काम के दबाव और एसआईआर गणना का लक्ष्य पूरा न कर पाने के कारण फांसी लगाकर जान दे दी। उन्होंने आत्महत्या से पहले एक मार्मिक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी बेचैनी, घुटन और डर को बयां किया है। नोट में सर्वेश सिंह ने लिखा, “मैं जीना तो चाहता हूं, पर क्या करूं… बहुत बेचैनी और घुटन हो रही है।
More than 30 BLOs have committed suicide due to the extreme mental stress of SIR work. This is the video of BLO Sarvesh Singh in which he was crying before taking his life.@ECISVEEP and Gyanesh Kumar have not even acknowledged these deaths, let alone offered a word of… pic.twitter.com/u0eBDzcwX3
— Dr. Shama Mohamed (@drshamamohd) December 1, 2025
अपने आपको डरा महसूस कर रहा हूं। मेरी चार छोटी बेटियों का ख्याल रखना… बहुत मासूम हैं।” 15 वर्षों से शिक्षक रहे सर्वेश सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह भी लिखा कि बीएलओ के काम का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण वह रात-दिन मेहनत के बावजूद लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे थे, जिससे वह लगातार तनाव में थे। इस हृदय विदारक घटना ने एक बार फिर शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों के अत्यधिक बोझ के गंभीर परिणाम को उजागर किया है।
तनाव में थे शिक्षक: सुसाइड नोट में बयां की अपनी पीड़ा
Moradabad बीएलओ सर्वेश सिंह ने अपनी डायरी के दो पन्नों पर विस्तृत सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने अपनी मानसिक स्थिति और आत्मघाती कदम उठाने के पीछे का कारण स्पष्ट किया।
तनाव में कारण: उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि उन्हें 7 अक्टूबर को पहली बार बीएलओ नियुक्त किया गया था। एसआईआर गणना (वोटर लिस्ट संबंधी कार्य) के टारगेट को समय पर पूरा न कर पाने और लगातार तनाव में रहने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
बेटियों की चिंता: सर्वेश सिंह की चार छोटी बेटियां हैं। उन्होंने नोट में बार-बार अपनी चारों मासूम बेटियों का जिक्र किया और अपील की कि उनका ध्यान रखा जाए। उन्होंने यह भी लिखा कि उनकी दो बेटियां पिछले कई दिनों से बीमार थीं, जिससे उनकी चिंता और मानसिक संतुलन कमजोर हो गया था।
क्षमा याचना और प्रेम: शिक्षक ने अपने सुसाइड नोट का अंत करते हुए लिखा, “मुझे माफ करना… मेरे विद्यालय के बच्चों को मेरा बहुत बहुत प्यार। मन लगाकर पढ़ना मेरे बच्चों।” उन्होंने अधिकारियों से गुजारिश की कि उनकी सेवा में बनने वाली राशि उनकी पत्नी को दी जाए ताकि बेटियों का भविष्य संवर सके, और उनके परिवार को परेशान न किया जाए।
अकेले जिम्मेदारी ली: उन्होंने साफ लिखा कि इस कदम के लिए केवल वह खुद जिम्मेदार हैं और उनके परिवार या किसी अन्य का कोई दोष नहीं है, जिन्होंने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया।
गैर-शैक्षणिक कार्यों का बढ़ता बोझ
यह दुखद Moradabad घटना शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों जैसे जनगणना, चुनाव संबंधी कार्य (बीएलओ), और सर्वे आदि के बढ़ते बोझ की गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। शिक्षकों का प्राथमिक कार्य शिक्षण है, लेकिन इन अतिरिक्त जिम्मेदारियों के कारण उन्हें अत्यधिक तनाव का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी मानसिक सेहत और शिक्षण कार्य दोनों प्रभावित होते हैं। यूपी में इस तरह काम के दबाव में बीएलओ द्वारा आत्महत्या किए जाने के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। सर्वेश सिंह की मौत ने शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन में गहरा सदमा पहुँचाया है और शिक्षकों के बीच व्याप्त तनाव को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग उठाई है।









