लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। गोंडा का मतलब ‘दबदबा वाले’ होता है। भारत के किसी भी तीर्थ स्थान पर जाकर बता दो कि हम गोंडा से हैं, तो लोग तुरंत कहेंगे कि ये ‘दबदबा वाले’ हैं। ये शब्द अक्सर पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह आमसभा के दौरान जरूर एकबार कहते हैं। वह खुलकर कहते हैं हां हमारा दबदबा था, दबदबा है और आगे भी दबदबा रहेगा। अब गोंडा के नेता जी यानि बृजभूषण शरण सिंह ने एक और धमाकेदार बयान देकर प्रचंड ठंड में यूपी का पारा बढ़ा दिया है। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैसरगंज के पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 2029 के लोकसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है। अपने आवास पर दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा 2027 में तो नहीं, पर 2029 का चुनाव जरूर लडूंगा। मुझे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती।
बीजेपी से नाराजगी की चर्चाओं का खंडन करते हुए पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा देखिए सच बोलना मेरी आदत है, कई बार मैं सत्य बोल देता हूं तो लोगों को लगता है कि मैं बीजेपी से आउट हो गया। बीजेपी से बागी हो गया। पर ऐसा नहीं हैं। मेरा एक बेटा बीजेपी से सांसद है, दूसरा विधायक। भतीजा ब्लॉक प्रमुख। पत्नी बीजेपी से ही जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। पूर्व सांसद ने साफ किया कि मैं बीजेपी में हूं और बीजेपी में ही रहूंगा। मेरी आत्मा अभी भी बीजेपी में ही बसती है। बीजेपी से ही चुनाव लडूंगा, किसी और पार्टी से नहीं। बृजभूषण ने आगे कहा सत्य बोलना मेरा स्वभाव है, पर इसका मतलब ये नहीं कि मैंने बीजेपी से किनारा कर लिया। मेरी पूरी टीम और विचारधारा बीजेपी की ही है।
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक कविता सुना कर अपनी भावनाएं बयां कीं। …किसी सोते को गफलत से जगा देना बगावत है… किसी कमजोर के हक को दिला देना बगावत है, अगर सच्चाइयों का गीत गाना बगावत है… तो हम भी एक बागी हैं, मेरा मजहब बगावत है। कविता गुनगुनाने के बाद पूर्व सांसद ने कहा कि कुछ लोगों ने मुझे एक साजिश के तहत फंसाया। मुझे बदनाम करने का प्रयास किया गया। लेकिन मैं डिगा नहीं। डरा नहीं। मुझे अपनी न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था और भरोसा है। षणयंत्र करने वाले बेनकाब हो गए हैं। अगर मुझ पर आरोप नहीं लगते तो मैं ही 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ता। आरोप लगने के बाद हमने तय कर लिया था कि तब तक बेदाग होकर बाहर नहीं आएंगे तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। यही वजह रही कि हमने अपने बेटे को चुनाव के मैदान में उतारा। जनता ने उसे सांसद चुन लिया।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वोट चोरी के बयानों पर ब्रजभूषण सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि दोनों को अपने मुद्दे बदलने चहिए, कोई नया मुद्दा तलाशना होगा। एसआईआर की प्रक्रिया जो चल रही है वह सही है। राहुल और अखिलेश के इस मुद्दे में अब दम नहीं है। ब्रजभूषण सिंह ने कहा, हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का निरिक्षण या शुद्धिकरण अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी। इसलिए एक आदमी लुधियाना में मतदाता फिर गांव मे मतदाता होता था। एक आदमी दिल्ली में मतदाता होता था बिहार में भी मतदाता होता था। इसी गड़बड़ी को ठीक करना गुनाह नहीं है। उन्होंने कहा, देश के नागरिक अगर आप हैं तो एक जगह वोट देंगे, इस बात को जनता जानती है लेकिन, विपक्ष नहीं जान पर रहा है। आज लोग स्वतः बंगाल और कोलकाता से वापस हो रहे हैं। ये बात पूरी दुनिया समझती है, इस देश का बच्चा-बच्चा समझता है, लेकिन, राहुल गांधी नहीं समझते।
दरअसल, यौन शोषण के आरोपों के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में बृजभूषण का टिकट कट गया था। तभी बीजेपी ने उनके छोटे बेटे करण सिंह को चुनाव के मैदान में उतारा था। बृजभूषण शरण सिंह के बेटे सांसद चुने गए थे। अगर बृजभूषण शरण के सियासी कॅरियर की बात करें तो वह अब तक सात बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और छह बार जीत चुके हैं। 1991 में उन्होंने गोंडा सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 1998 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने गोंडा सीट से जीत दर्ज की। 2004 में बीजेपी ने उन्हें बलरामपुर से टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की। 2008 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर क्रॉस वोटिंग के कारण उन्हें बीजेपी से निकाल दिया गया। 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने सपा के टिकट पर लड़ा और जीत हासिल की। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए। 2014 में बृजभूषण ने कैसरगंज से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2019 में भी वह फिर से कैसरगंज से सांसद चुने गए।








