Yogi instructions: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज में संगम स्नान के लिए प्रदेशभर से बसों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी जिलों से बस सेवाएं संचालित की जाएंगी। शनिवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने यूपी रोडवेज की तैयारियों का जायजा लिया और यात्रियों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए ठोस प्रबंधन सुनिश्चित करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रमुख स्नान पर्वों के अलावा सामान्य दिनों में भी प्रयागराज तक नियमित बस सेवाएं चालू रहें। साथ ही, बसों की समय सारणी का प्रचार-प्रसार और यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम
महाकुंभ मेले के लिए यूपी रोडवेज ने 7000 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है। ये बसें प्रदेशभर के विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं को (Yogi instructions) सुरक्षित और सुगम यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगी। इसके अलावा, मेला क्षेत्र के भीतर 550 शटल बसें भी चलेंगी, जिससे संगम स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने सुनिश्चित किया कि सभी बसें निर्धारित किराए पर संचालित हों और ओवरलोडिंग जैसी समस्याएं न हों। उन्होंने बस चालकों और परिचालकों को मादक पदार्थों से दूर रहने और यात्रियों के साथ विनम्रता से व्यवहार करने की सख्त हिदायत दी।
निजी बसों पर भी रहेगा नियंत्रण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश (Yogi instructions) दिया कि निजी बसों पर कड़ी निगरानी रखी जाए। किराए में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और ओवरलोडिंग रोकने के लिए सभी संबंधित विभागों को सक्रिय रूप से कार्य करने का आदेश दिया गया है। परिवहन विभाग की ओर से बस सेवाओं की मॉनिटरिंग के लिए एक हेल्पलाइन भी जारी की जाएगी, जिससे श्रद्धालु अपनी शिकायतें और सुझाव साझा कर सकें।
महाकुंभ के बाद भी सेवाएं जारी रहेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि संगम का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पूरे वर्ष बना रहता है। इसलिए, महाकुंभ के बाद भी प्रयागराज के लिए नियमित बस सेवाएं जारी रहेंगी। उन्होंने यूपी रोडवेज से बसों की समय सारणी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा की सटीक जानकारी प्राप्त हो सके।
बैठक में परिवहन मंत्री, प्रमुख सचिव परिवहन, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। यह कदम महाकुंभ मेले को सफल बनाने और श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।