लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। Army Chief Upendra Dwivedi met Jagadguru Swami Rambhadracharya ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचे। सेना प्रमुख ने कामतानाथ भगवान के दर पर मत्था टेका। फिर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से मुलाकात की और उनसे आशीर्वाद लेने के साथ दीक्षा भी ली। सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने स्वामी रामभद्राचार्य के साथ आध्यात्मिक चर्चा भी की।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। जिसमें पाक के आतंकी अड्डों को भारतीय सेनाओं ने मिट्टी में मिला दिया। 100 से अधिक आतंकवादियों को यमलोक पहुंचाया। पाकिस्तान ने पलटवार किया तो भारतीय सेनाओं ने चंद मिनटों के अंदर नापाक मुल्क के 11 से अधिक एयरबेसों के आग के गोलों में तब्दील कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी चित्रकूट पहुंवे और जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से आर्शीवाद लिया।
इस मौके पर सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने परंपरानुसार जगद्गुरु से गुरु दक्षिणा देने का विनम्र निवेदन किया, तो स्वामी रामभद्राचार्य ने एक ऐसी मांग रख दी जो पूरे देश के लिए एक संदेश बन गया। स्वामी रामभद्राचार्य ने इस मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने आर्मी सेना के चीफ को ’राम मंत्र’ की शिक्षा भी दी। उन्होंने बताया कि इसी राम मंत्र की शिक्षा के साथ हनुमान जी ने रावण की लंका पर विजय प्राप्त की थी। भारतीय सेनाएं पाक की लंका को जरूर मिट्टी में मिलाएंगी। आने वाला वक्त अब भारत का है।
स्वामी रामभद्राचार्य ने सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की मांग कर दी। इससे पूरे राष्ट्र में यह संदेश जाता है कि एक संत को न रत्न चाहिए न वस्त्र चाहिए, उन्हें दक्षिणा में सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाला पीओके चाहिए। इस दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि उनकी कामना तो दक्षिणा में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में देखने की है। साथ ही कहा कि भगवान कामतानाथ कुछ ऐसी कृपा करें कि जनरल द्विवेदी के ही कार्यकाल में उनके समेत पूरे देशवासियों की यह कामना पूरी हो जाए।
बता दें, थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी अपनी पत्नी सुनीता द्विवेदी के साथ प्रभु श्रीराम की तपोभूमि पहुंचे थे। तुलसी पीठ में पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात और आशीर्वाद के बाद आर्मी चीफ ने उन्हें सेना का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। जगद्गुरु ने फिर पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया भारत को नए स्वरूप में देख रही है। ऑपरेशन सिंदूर में रामचरितमानस की महिमा के बखान पर देशवासियों को पीएम मोदी से अनुरोध करना चाहिए कि वह रामचरितमानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित कर दें।