सीएम योगी आदित्य नाथ (CM yogi Aditya Nath) ने कहा कि भागवत की कथा असीमित है, इसे दिन या घंटे में सीमित नहीं किया जा सकता है। यह खत्म नही हो सकता है और भक्त लगातार भागवत के सार को अपने जीवन में सम्मिलित करते हैं। DMK नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद यह मुद्दा काफी गरमा हुआ है। तो वहीं अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है और बाकी सब संप्रदाय और पूजा पद्धतियां हैं। सीएम योगी ने ‘श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ’ कार्यक्रम में कहा कि सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है, बाकी सभी संप्रदाय और पूजा पद्धतियां हैं। सनातन मानवता का धर्म है और अगर इस पर हमला किया गया तो विनाश निश्चित है।और दुनिया भर में मानवता के लिए संकट पैदा हो जाएगा।
CM योगी का संबोधन
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में आयोजित सात दिन के ‘श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ’ कार्यक्रम के समापन के समय मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में सनातन धर्म को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस कार्यक्रम का आयोजन महंत दिग्विजय नाथ की 54वीं और राष्ट्रीय संत महंत अवैद्यनाथ की 9वीं पुण्य तिथि की याद में किया गया था। सीएम योगी ने श्रीमद्भागवत के सटीक दृष्टिकोण के सार को समझने और इसकी भव्यता को समझने के लिए खुली विचाधारा रखने के महत्व पर जोर दिया। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि भागवत की कथा असीमित है। इसे दिनों या घंटे में सीमित नहीं किया जा सकता है, यह अंतहीन है और भक्त निरंतर भागवत के सार को अपने जीवन में समाहित करते हैं।
एक संत की प्रधानता
सोमवार को सीएम योगी ने कहा था कि देश और समाज की जरूरतें एक संत की प्रधानताहोती हैं। महंत दिग्विजयनाथ जी एक ऐसे संत थे जिन्होंने समय की चुनौतियों से संघर्ष किया। सीएम ने बताया कि महंत दिग्विजयनाथ राजस्थान के मेवाड़ के राणा वंश से संबंध रखते थे। उन्होंने देश के स्वाभिमान के लिए लड़ते हुए अपना जीवन को समर्पित कर दिया। उन्होंने कई धार्मिक और राजनीतिक अनुष्ठानों में शामिल होकर समाज के लिए कुछ नया करने का प्रयास किया।
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राष्ट्रवाद का विचार
सीएम योगी ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ जी ने गोरक्षपीठ से जुड़ने के बाद सर्व प्रथम शिक्षा पर जोर देते हुए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। उन्होंने युवा पीढ़ी को राष्ट्रवाद से ओतप्रोत करने के लिए अपनी संस्थाओं को बढ़ाया बढ़ाने का प्रयास किया। उनके द्वारा स्थापित शिक्षा परिषद ने युवाओं में राष्ट्रवाद का विचार डालने का महत्वपुर्ण कार्य किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना की। इसके साथ ही उनके द्वारा स्थापित चार दर्जन शैक्षणिक प्रशिक्षण संस्थान युवा पीढ़ी को देश और समाज से जुड़ी चुनौतियों को कम करने के लिए तैयार करने का काम कर रहे हैं।