CM Yogi : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में भूमि की अदला-बदली के लिए 5 नए नियम जारी किए हैं। ये नियम सरकारी भूमि और निजी भूमि के स्वामित्व में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। नए प्रावधानों के अंतर्गत, जमीन की अदला-बदली कई कानूनी PPL और प्रक्रियात्मक बदलाव किए गए हैं, आम नागरिकों को फायदा होगा।
सहमति अनिवार्य
अब जमीन की अदला-बदली के लिए संबंधित पक्षों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी। किसी भी भूमि के मालिक को बिना सहमति के अपनी भूमि को अन्य भूमि के साथ बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस नियम के तहत, जमीन का आदान-प्रदान तभी वैध माना जाएगा जब दोनों पक्षों के बीच सहमति स्पष्ट हो और इसे कानूनी दस्तावेजों में दर्ज किया गया हो।
न्यायिक प्रक्रिया की निगरानी
नए नियमों के तहत, जमीन की अदला-बदली की प्रक्रिया न्यायिक निगरानी में होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी दस्तावेज़ और आवश्यक दस्तावेज़ों की जांच की गई हो और जमीन के वास्तविक मालिक की पहचान सही ढंग से की गई हो। यह कदम भूमि से जुड़े विवादों को कम करने के लिए उठाया गया है।
सरकारी शुल्क में छूट
उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि की अदला-बदली के दौरान लगने वाले सरकारी शुल्क में छूट की घोषणा की है। नए नियमों के तहत, जिन नागरिकों के पास छोटे भूखंड हैं और वे अदला-बदली करना चाहते हैं, उन्हें सरकारी शुल्क में 50% तक की छूट दी जाएगी। इस छूट का उद्देश्य ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोगों को भूमि अदला-बदली की प्रक्रिया में आसानी प्रदान करना है।
डिजिटल प्रक्रिया का विस्तार
भूमि अदला-बदली के नए नियमों के अंतर्गत, पूरी प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का निर्णय लिया गया है। अब नागरिक घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और प्रक्रिया की प्रगति पर नजर रख सकते हैं। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि प्रक्रिया को भी तेज़ और पारदर्शी बनाया जा सकेगा। डिजिटल दस्तावेज़ीकरण से किसी भी विवाद की स्थिति में रिकॉर्ड का आसानी से सत्यापन किया जा सकेगा।
भूमि के स्वामित्व का प्रमाण पत्र आवश्यक
अब भूमि की अदला-बदली के लिए स्वामित्व का प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। बिना स्वामित्व प्रमाण पत्र के कोई भी भूमि की अदला-बदली नहीं कर सकता। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भूमि का सही मालिक ही अदला-बदली में भाग ले सके। इस कदम से फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए किए जाने वाले घोटालों पर रोक लगेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के ये नए नियम भूमि अदला-बदली की प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और सुगम बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इन बदलावों से आम जनता को न केवल आसानी होगी, बल्कि भूमि विवादों में भी कमी आएगी। डिजिटल प्रक्रियाओं और न्यायिक निगरानी के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भूमि अदला-बदली से जुड़े मुद्दों का समाधान तेजी से हो सकेगा।