लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। शहर था कानपुर और थाना शिवराजपुर। गैंगस्टर का नाम विकास दुबे और गांव था बिकरू। वारदात की तारीख थी 2 जुलाई 2020 की रात। बिल्हौर के जांबाज सीओ तीन थानों की पुलिस के साथ गैंगस्टर के घर पर धावा बोलते थे। अपराधी को पुलिस के दबिश की जानकारी पहले से मिल जाती है। ऐसे में उसने पुलिसबल पर गुरिल्ला अटैक किया। महज कुछ मिनटों के अंदर बिकरू की गलियां पुलिस के जवानों के खून से लाल हो गई। इस अटैक में सीओ समेत आठ जवान शहीद हो गए। सीएम योगी आदित्यनाथ घटना के बाद पुलिस लाइन पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ पुलिस को ऑपरेशन क्लीन का आदेश दिया। फिर क्या था विकास समेत गैंग के 6 बदमाश एनकाउंटर में मारे जाते हैं और इसी के साथ यूपी में ऑपरेशन ‘भय बिनु होई न प्रीति’ की लॉन्चिंग भी हो जाती है।
तब सीएम योगी की आंख से छलके थे आंसू
दरअसल, कानपुर के बिकरू गांव का रहने वाले गैंगस्टर विकास दुबे की जिले के अलावा दूसरे अन्य जनपदों में तूती बोला करती थी। विकास ने गांव में ही अपराध की पाठशाला बनाई हुई थी। 2017 के चुनाव में जनता ने यूपी में बीजेपी की सरकार बनवा दी। प्रदेश की बागडोर सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों में आई। अपराध व अपराधियों पर एक्शन भी शुरू हुआ। लेकिन विकास दुबे का दबदबा कायम था। ऐसे में बिल्हौर सीओ पुलिसबल के साथ विकास दुबे को अरेस्ट करने के लिए बिकरू पहुंचते हैं। विकास अपने गैंग के साथ पुलिसबल पर धावा बोल देता है। इस अटैक में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो जाते हैं। तब सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर आते हैं। शहीदों को आखिरी सलामी देते हुए उनकी आंख से आंसू छलकते हैं। इसी के बाद पुलिस का बदलवार होता है और विकास दुबे एंड बदमाश कंपनी का पूरी तरह से सफाया हो जाता है।
बुलडोजर के साथ पुलिस का बदलापुर
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस का ऑपरेशन क्लीन चल पड़ता है। पहली बार यूपी में विकास दुबे के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई होती है। विकास की कोठी को पुलिस बुलडोजर से जमींदोज कर देती है। इसके बाद यूपी पुलिस और प्रशासन का ये बुलडोजर शहर-शहर, गांव-गांव अपराधी, माफियाओं के ठिकानों को ढहाना शुरू करता है। बुलडोजर के साथ ही यूपी पुलिस अपराधियों पर कहर बनकर टूटती है। आठ साल में 221 अपराधियों को मिट्टी में मिला दिया। अतीक अहमद एंड बदमाश फैमिली का पुलिस ने ठीक से ट्रीटमेंट किया। अतीक का बेटा यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। इसके साथ ही 5 लाख के ईनामी गौरी यादव का एनकाउंटर 30 अक्टूबर 2021 को चित्रकूट में हुआ था। इसके अलावा अमरोह में जुलाई 2019 में ढाई लाख का इनामी कमल मुठभेड़ में मारा गया। फरवरी 2020 में 2 लाख के इनामी शिव शक्ति नायडू का एनकाउंटर मेरठ में हुआ था। वही वाराणसी में पुलिस ने 2 लाख के इनामी मनीष सिंह को साल 2022 को मार्च महीने में मुठभेड़ में मार गिराया था।
140 अरब की संपत्ति जब्त
यूपी पुलिस ने कुछ दिन पहले वार्षिक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में वर्ष 2017 से दिसम्बर, 2024 तक के कई आंकड़े पेश किए गए। इसके मुताबिक यूपी पुलिस ने गैंगस्टर के तहत माफिया व अन्य अपराधियों की 140 अरब से अधिक की सम्पत्ति जब्त कर ली। साथ ही 7546 अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर सजा भी दिलाई। आंकड़ों के मुताबिक 20 मार्च 2017 से 28 दिसम्बर 2024 तक 217 अपराधी मुठभेड़ में ढेर किए गए। पुलिस ने 7799 बदमाश को पैर में गोली मार कर घायल कर गिरफ्तार किया। इस दौरान 17 पुलिसकर्मियों को भी अपनी जान गवांनी पड़ी और 1644 पुलिस कर्मी घायल हुए। वहीं जनवरी और फरवरी 2025 की बात करें तो चार अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं और दर्जनभर से अधिक पुलिस की गोली से घायल भी हुए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक , 924 अपराधियों पर रासुका लगाया गया। चिन्हित माफिया गिरोहों के 1391 सदस्यों को जेल भेजा गया। महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम कर रहे एंटी रोमियो टीम ने 18,926 आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की। पूरे प्रदेश में 212 अवैध टैक्सी स्टैण्ड हटाये गए।
कानून व्यवस्था के मामले में यूपी पुलिस बेहतर
यूपी पुलिस कानून व्यवस्था के मामले में बेहतर रही है। वर्ष 2024 में अयोध्या राम मंदिर में श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में यूपी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर रही है। वहीं टी-20 क्रिकेट मैच जैसे आयोजनों का सकुशल कराकर यूपी पुलिस ने काफी प्रशंसा बटोरी। बहराइच और संभल में हिंसा भड़कने पर पुलिस ने सक्रियता दिखाई। पुलिस ने तत्काल सख्त कार्रवाई करते हुए हालात पर काबू पाया। इसके अलावा यूपी पुलिस ने दुनिया के सबसे बड़े पर्व महाकुंभ के आयोजन का जिम्मा भी उठा रही है। करीब एक लाख पुलिसबल के जवान महाकुंभ में 13 जनवरी 2025 से ड्यिटी दे रहे हैं। अगर भगदड को छोड़ दिया तो अब तक महाकुंभ का आयोजन शानदार रहा। खुद श्रद्धालु पुलिस की प्रशंसा कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से पुलिसबल को संवारा। पुलिस के काम करने के तरीकों में बदलाव किए। हाईटेक सुविधाओं के साथ ही आधुनिक असलहों से लैस किया। जिसका परिणाम ये रहा कि आज यूपी से माफिया साफ हो गए हैं और अपराधी हाथ जोड़कर पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं।
मुलायम सरकार में सबसे ज्यादा एनकाउंटर
बता दें, मुलायम सिंह यादव सरकार के कार्यकाल 29 अगस्त 2003 से 13 मई 2007 तक 499 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए। मायावती की 13 मई 2007 से 14 मार्च 2012 वाली सरकार में 261 अपराधी मारे गए। अखिलेश की 15 मार्च 2012 से 19 मार्च 2017 वाली सरकार में 40 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए। वही योगी सरकार में 19 मार्च 2017 से अब तक 221 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं। अगर सबसे ज्यादा एनकाउंटर की बात करें तो मुलायम सिंह की चार साल की सरकार में 499 अपराधियों को पुलिस ने मारा था। योगी सरकार के साढ़े सात साल के मुकाबले उनके चार साल के कार्यकाल में दोगुने से ज्यादा एनकाउंटर किए गए। वहीं दूसरे नंबर पर मायावती की सरकार रही। पांच साल की सरकार में 261 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। वहीं सबसे कम अखिलेश की सरकार में 40 अपराधी मारे गए थे।