Ghaziabad News: देवी जागरण के दौरान रोटी पर थूकने का मामला… क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?

देवी जागरण के दौरान तंदूरी रोटी पर थूकने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया। पुलिस ने आरोपी शावेज़ को गिरफ्तार किया। इस घटना ने खाद्य सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Ghaziabad

Ghaziabad Devi Jagran: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में देवी जागरण के दौरान तंदूरी रोटी पर थूकने का एक वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। घटना Ghaziabad टीला मोड़ थाना क्षेत्र के भोपुरा गगन विहार में हुई, जहां एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए भोजन तैयार किया जा रहा था। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी शावेज़ को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा है, वहीं Ghaziabad प्रशासन ने भी सख्ती दिखाते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने न केवल खाद्य सुरक्षा बल्कि धार्मिक आयोजनों में बढ़ती असंवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?

Ghaziabad की यह घटना पहली नहीं है, इससे पहले भी देश के कई हिस्सों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल अक्टूबर में उत्तराखंड के मसूरी में दो व्यक्तियों को चाय में थूकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद सरकार ने खाद्य पदार्थों से जुड़ी ऐसी हरकतों पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया। सितंबर 2024 में सहारनपुर में एक ढाबे पर नाबालिग को रोटी पर थूकते हुए पकड़ा गया था, जिसके बाद उस ढाबे को सील कर दिया गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला, देश में खाद्य सुरक्षा कानूनों की कमी और इनका सही क्रियान्वयन न होना। सरकारें सख्त नियम बनाने की बात करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर कम दिखाई देता है। दूसरा, कुछ कट्टरपंथी मानसिकता वाले लोग धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे समाज में तनाव बढ़ता है।

धार्मिक और सामाजिक तनाव की बढ़ती चिंता

इस तरह की घटनाओं में एक बात सामान्य रही है कि अधिकतर मामलों में आरोपी एक ही समुदाय से होते हैं, जिससे समाज में नफरत और तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में आई टाइम मैगज़ीन की रिपोर्ट (15 मार्च 2025) के अनुसार, 2020 के दिल्ली दंगों के बाद से देश में सांप्रदायिक विभाजन गहराया है और कई लोग धार्मिक पहचान को छुपाने के लिए मजबूर हुए हैं। कुछ लोग इसे नफरत भड़काने की साजिश मानते हैं तो कुछ इसे अज्ञानता का परिणाम बताते हैं।

समाधान क्या है?

खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए केवल कानून बनाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि लोगों में जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक संवाद को मजबूत करने की जरूरत है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। धार्मिक आयोजनों में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार को विशेष दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। समाज के सभी वर्गों को आपसी सम्मान और सहिष्णुता का पालन करना होगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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