Gorakhpur News: गोरखपुर में सोमवार को अधिवक्ताओं ने गाजियाबाद की घटना को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। Gorakhpur जिला न्यायालय परिसर से निकलकर अधिवक्ताओं का जुलूस अंबेडकर चौराहे पर पहुंचा, जहां उन्होंने जोरदार नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य गाजियाबाद के जिला जज और अधिवक्ताओं के बीच हुए हालिया विवाद के प्रति विरोध जताना था। प्रदर्शनकारियों ने जिला जज तेज प्रताप तिवारी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगें रखीं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडे ने इस घटना की कड़ी निंदा की और दोषी जज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करने और पीड़ित अधिवक्ताओं को मुआवजा देने पर भी जोर दिया।
गाजियाबाद में हाल ही में हुई घटना में जिला जज पर अधिवक्ताओं के साथ कथित मारपीट का आरोप है, जिसने वकीलों के बीच गहरा असंतोष पैदा कर दिया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि जज ने प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाकर वकीलों से बदसलूकी की, जिससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंची। इसके खिलाफ सोमवार को गोरखपुर के अधिवक्ता एकजुट होकर सड़क पर उतरे। अंबेडकर चौराहे पर हुए इस विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ताओं ने दोषी जज के निलंबन और निष्पक्ष जांच की मांग की।
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Gorakhpur बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडे ने कहा, “गाजियाबाद के जिला जज द्वारा अधिवक्ताओं से किए गए दुर्व्यवहार की हम घोर निंदा करते हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर जज को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि पीड़ित अधिवक्ताओं के लिए मुआवजे की भी व्यवस्था होनी चाहिए। पांडे ने कहा, “घटना में घायल हुए वकीलों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।”
प्रदर्शन के अंत में अधिवक्ताओं ने जिला जज तेज प्रताप तिवारी को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों पर विचार करने की अपील की।










