Gorakhpur Lakhpati Women: गोरखपुर मंडल की महिलाएं अब दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रही हैं। योगी सरकार की पहल पर, श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने महिलाओं के बीच दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया है। इस कंपनी के तहत लगभग 14,000 महिला किसान प्रतिमाह 50,000 लीटर दूध का कारोबार कर रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की विशेष योजना के अंतर्गत स्थापित यह कंपनी, बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के समानांतर कार्य कर रही है, जो महिलाओं को उनके कारोबार में भागीदार बनाती है। एक साल के भीतर ही इस कंपनी ने 431 महिलाओं को लखपति बना दिया है।
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का गठन
Gorakhpur मंडल में महिलाओं द्वारा संचालित यह मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी 2022 में स्थापित हुई थी। इसके चार जिलों—गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, और कुशीनगर में कार्यरत 400 गांवों की 14,000 से ज्यादा महिलाएं इस कंपनी की सदस्य हैं। इस कम अवधि में ही यह कंपनी प्रतिदिन 50,000 लीटर दूध का संग्रह करने में सफल रही है। कंपनी ने महिलाओं के लिए स्थानीय दूध संग्रहण और प्रोसेसिंग के लिए कई मिल्क चिलिंग सेंटर्स भी स्थापित किए हैं, जिनमें गोरखपुर के कैम्पियरगंज, खजनी, बड़हलगंज, देवरिया के रुद्रपुर, पथरदेवा, भाटपार, और कुशीनगर के कसया शामिल हैं।
कंपनी का प्रभाव और महिलाओं की सफलता
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस कंपनी की सफलता के चलते, पिछले एक साल में 431 महिलाओं को लखपति बनाने में मदद मिली है। इन महिलाओं ने अपना दूध व्यवसाय शुरू किया और अब वे अपने परिवारों के साथ बेहतर जीवन जी रही हैं। इसी तरह, बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की सफलता को देखकर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पांच और मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियां स्थापित करने के निर्देश दिए थे।
बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की मिसाल
2019 में सिर्फ पांच महिलाओं द्वारा शुरू की गई बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने आज 71,000 महिलाओं को सदस्य बना लिया है। इस कंपनी ने 250,000 लीटर दूध का संग्रह किया और 1225 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल किया। इस कंपनी के द्वारा महिलाओं की सफलता ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
Gorakhpur की महिलाओं के लिए यह मॉडल एक प्रेरणा बन चुका है, जिससे न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है।