कानपुर ऑनलाइन डेस्क। इनकम टैक्स विभाग ने दिग्गज इस्पात और स्टेनलेस स्टील निर्माता रिमझिम इस्पात समूह के ठिकानों पर देश के कई शहरों में एक साथ छापा मारा। आईटी के अफसरों ने कंपनी के ऑनर के घर, फैक्ट्री में जाकर तिजोरियां खंगाली। ये कार्रवाई शुक्रवार की देररात से जारी रही है। सूत्रों का कहना है कि आईटी की जांच में कई राज सामने आए हैं। पता चला है कि माली, चौकीदार और खाना बनाने वाले के नाम से 15 बोगस फर्में खोलकर करोड़ों रुपयों का लेनदेन किया गया है। साथ ही लॉकरों से करोड़ों के जेवरात, हेरे और नकदी भी मिली हैं। जिन्हें अफसरों ने जब्त कर लिया है।
50 से ज्यादा ठिकानों पर आईटी की रेड
इनकम टैक्स विभाग ने सटीक सूचना पर बृहस्पतिवार की सुबह से रिमझिम इस्पात समूह के सात राज्यों में स्थित 50 से ज्यादा प्रतिष्ठानों, कंपनी से जुड़े डीलरों और कारोबारियों के यहां छापा मारा। इस रेड में करीब 250 अफसर शामिल रहे। पुलिस के अलावा अर्धसैनिकबल के जवानों को भी मौके पर तैनात किया गया। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने कंपनी के लॉकरों को खोला। जहां से उन्हें बोगस कंपनियां मिलीं। साथ ही हीरे-जेवरात के साथ करोड़ों की नकदी बरामद की। अफसरों ने लॉकर्स को सील कर दिया और पैसों को जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि आयकर की कानपुर रीजन की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। यह कार्रवाई कई दिनों तक चलने के आसार हैं।
कानपुर के 25 ठिकानों पर कार्रवाई
इनकम टैक्स विभाग के अफसरों की अलग-अलग टीमों ने बृहस्पतिवार को कंपनी के मालिक योगेश अग्रवाल के कानपुर स्थित आवास, कॉरपोरेट कार्यालय, उन्नाव व हमीरपुर की फैक्टरियों पर छापा मारा था। कानपुर में करीब 25 ठिकानों पर एक साथ आईटी की रेड हुई। इसके अलावा कंपनी से जुड़े लोगों, वित्तीय सलाहकार, डीलरों के उप्र, दिल्ली, प. बंगाल, हैदराबाद, कर्नाटक, हरियाणा, ओडिसा के 25 से ज्यादा प्रतिष्ठानों में भी आईटी का एक्शन हुआ। कंपनी की फैक्ट्रियां उन्नाव और हमीरपुर जिले में भी हैं। यहां भी इनकम टैक्स ने छापा मारा। जिससे कंपनी की फैक्टरियों में उत्पादन ठप हो गया है। इस कारण माल लेकर जाने-आने वाले ट्रकों की लंबी लाइनें फैक्टरियों के बाहर लग गई।
फैक्ट्री के मालिक के घर पर रेड
सूत्रों के अनुसार, योगेश अग्रवाल के तिलकनगर स्थित आवास से काफी नकदी मिली है। अलग-अलग बैंकों के लॉकर भी मिले हैं, जिन्हें सील कर दिया गया है। कंपनी का कारोवार कच्चे पर्चे पर ज्यादा किया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, कम कारोबार ही एक नंबर में दिखाया जा रहा था। छह साल के रिटर्न, बैलेंसशीट, टर्नओवर के आकलन और बोगस फर्मों के जरिए मिली गड़बड़ी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, 10 लॉकरों में करोड़ों के सोने-हीरे के गहने और तीन करोड़ नकद मिलने का दावा किया जा रहा है। वहीं, जौनपुर जिले में लगाए गए प्लांट में अरबों रुपयों के निवेश का ब्योरा भी नहीं मिलने की बात कही जा रही है।
वरिष्ठ प्रबंधक भूमिगत
हमीरपुर में रिमझिम इस्पात लिमिटेड एवं जूही एलाय में आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान कंपनी का एक वरिष्ठ प्रबंधक भूमिगत हो गया है। रात में उसकी फैक्टरी के अंदर व बाहर तलाश की गई, लेकिन हाथ नहीं लगा। यही वरिष्ठ प्रबंधक रिमझिम इस्पात का मुख्य संचालक है और कंपनी के शेयरों में कुछ प्रतिशत का हिस्सेदार भी बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्य संचालक के गिरफ्त में आने के बाद कई और राज सामने आ सकते हैं। दोनों कंपनियों के छह मैनेजर आयकर विभाग की टीम की गिरफ्त में हैं। आयकर की टीमें इन्हें अलग-अलग कमरों में बैठाकर पूछताछ भी की है।
इनके यहां भी आईटी की रेड
स्क्रैप कारोबार से जुड़े विपिन गुप्ता और सचिन गुप्ता की फर्म के संचालक व उनके छोटे भाई के भूसाटोली, हरबंश मोहाल स्थित आवास व कारखाने में भी छापेमारी की कार्रवाई हुई।एक दर्जन और करीबी कारोबारियों के प्रतिष्ठान व आवास पर टीमों की जांच देर रात तक जारी रही। एमरॉड फजलगंज, टीपी नगर, दादा नगर, पनकी, विकास नगर में भी टीमें जांच करने पहुंचीं। सूत्रों के मुताबिक टैक्स चोरी, मुखौटा कंपनियां व खरीद-फरोख्त में बड़ी गड़बड़ियों के साक्ष्य अब तक मिल चुके हैं। छापे में डीजीजीआई टीम के होने की भी चर्चा है।