Income Tax News: अब जमीन में काला धन छुपाना भी मुश्किल होगा। आयकर विभाग ने बीते तीन वर्षों में की गई रजिस्ट्री की स्कैनिंग शुरू कर दी है, जिससे नकद निवेश करने वाले और फर्जी पैन कार्ड का इस्तेमाल करने वालों की पहचान की जा सके। मंगलवार को गोरखपुर, लखनऊ और वाराणसी के आयकर अधिकारियों की आठ सदस्यीय टीम ने गोरखपुर के सदर रजिस्ट्री कार्यालय में पांच घंटे तक दस्तावेजों की जांच की और 54,000 रजिस्ट्री का सॉफ्ट कॉपी रिकॉर्ड अपने साथ ले गई। विशेष रूप से 10 लाख रुपये से अधिक की रजिस्ट्री को निशाना बनाते हुए अधिकारियों ने बताया कि फर्जी पैन कार्ड की पहचान एक नजर में ही की जा रही है। अब फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कसना तय है।
तीन साल की रजिस्ट्री की बारीकी से जांच
Income Tax विभाग की टीम ने गोरखपुर के सदर प्रथम क्षेत्र में 2022 से 2025 के बीच की गई लगभग 54,000 रजिस्ट्री की स्कैनिंग शुरू की है। विभाग का खास ध्यान 10 लाख रुपये से अधिक के सौदों पर है। टीम ने इन सौदों की सॉफ्ट कॉपी अपने साथ ली है, जिसमें सबसे ज्यादा संदेहास्पद पैन कार्ड वाले बैनामों की सूची बनाई जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि पहली नजर में ही वे यह पहचान पा रहे हैं कि पैन कार्ड फर्जी है या असली।
75 रजिस्ट्री डीड की भी की गई जांच
Income Tax विभाग की क्राइम एंड डाटा एनालिसिस टीम ने 75 बड़ी रजिस्ट्री डीड की कॉपी अपने कब्जे में ली है। इन डीड में विक्रेता और खरीदार की जानकारी के साथ रकबा, तिथि और राजस्व गांव का उल्लेख है। इससे इन सभी रजिस्ट्री के माध्यम से हुई लेन-देन की जांच आसान हो जाएगी। यदि पैन कार्ड फर्जी पाया गया तो संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर पूछताछ की जाएगी और आय का स्रोत न बताने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
रजिस्ट्री विभाग में सख्ती, फर्जीवाड़े पर लगाम
Income Tax रजिस्ट्री कार्यालय के सब-रजिस्ट्रार प्रसेनजीत और प्रभारी रजिस्टार रजत श्रेष्ठ ने बताया कि अब 21 जुलाई 2025 से बिना पैन कार्ड सत्यापन के कोई भी रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। रजिस्ट्री के समय पूरी जानकारी और वैरिफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पहले बड़े पैमाने पर बिना वैध दस्तावेजों के जमीन खरीद-फरोख्त की जा रही थी, लेकिन अब इस पर आयकर विभाग की पैनी नजर है।
अब हर इंडेक्स से मिलेगी जानकारी
Income Tax टीम इंडेक्स की जांच कर रही है जिसमें प्रत्येक रजिस्ट्री से जुड़ी बारीक जानकारी दर्ज होती है। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस सौदे में किन-किन लोगों ने नकद राशि का निवेश किया और उनके दस्तावेज कितने सही हैं। पैन कार्ड की प्रमाणिकता के साथ ही खरीदार की कुल आय भी जांच के दायरे में आएगी। यदि निवेश उनकी घोषित आय से अधिक पाया गया, तो उन पर टैक्स चोरी का मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।