JP Nadda Slam Rahul Gandhi: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “भारत कभी सरेंडर नहीं करता”, लेकिन कांग्रेस की पूरी राजनीतिक यात्रा “सरेंडर” से भरी पड़ी है। JP Nadda ने इस बयान में कांग्रेस पर ऐतिहासिक गलतियों और देशहित की अनदेखी के आरोप लगाए। उनका बयान ऐसे समय आया है जब भारत-पाकिस्तान संबंधों में फिर से तनाव है, खासकर पहलगाम हमले के बाद। सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बहस तेज हो गई है और राजनीतिक हलकों में इसे लेकर हलचल मच गई है।
राहुल गाँधी, सरेंडर आप करते होंगे, आपकी पार्टी ने किया होगा, आपके नेताओं ने सरेंडर किया होगा क्योंकि आपका इतिहास ही ऐसा रहा है लेकिन भारत कभी सरेंडर नहीं करता। सरेंडर आपकी पार्टी कांग्रेस की dictionary में है, आपके DNA में है।
राहुल गांधी, आपको अपनी पार्टी की सरकारों का…
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 4, 2025
नड्डा का कांग्रेस पर तीखा वार
JP Nadda ने राहुल गांधी को सीधे निशाने पर लेते हुए लिखा कि कांग्रेस का डीएनए ही “सरेंडर” का है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे कांग्रेस की नीतियों ने कई बार देश को कमजोर किया। नड्डा ने अपनी पोस्ट में 1962, 1965 और 1971 के युद्ध, सिंधु जल समझौता, शिमला समझौता और शर्म-अल-शेख मुलाकात का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर राष्ट्रीय हितों की अनदेखी का आरोप लगाया।
उनका कहना है कि कांग्रेस आतंकवाद के सामने झुकती रही और विदेश नीति में बार-बार नर्म रुख अपनाकर देश की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने 2009 की शर्म-अल-शेख वार्ता को भी भारत की कमजोरी करार दिया।
ऐतिहासिक फैसलों पर सवाल
JP Nadda ने 1972 के शिमला समझौते को “टेबल पर सरेंडर” कहा, जहां भारत ने 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों को लौटाने के बदले में कोई ठोस रणनीतिक लाभ नहीं उठाया। सिंधु जल समझौते पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने तीन प्रमुख नदियों का जल पाकिस्तान को सौंप दिया।
उन्होंने हाजी पीर और छम्ब सेक्टर को लौटाने, 1962 के भारत-चीन युद्ध की पराजय और 1948 के युद्धविराम को भी कांग्रेस की कमजोरी बताया।
राजनीति में गरमाया माहौल
यह बयान ऐसे समय आया है जब राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और बीजेपी विपक्ष को लगातार आक्रामकता के लिए घेर रही है। नड्डा का यह हमला आगामी मानसून सत्र से पहले राजनीतिक माहौल को और गर्म कर सकता है।
अब निगाहें इस पर हैं कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस तीखे हमले का क्या जवाब देते हैं।