Saddam Khan, Siddharthnagar। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रद्धा भारतीय ने एक बार फिर पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुये गलत तरीके से गिरफ्तारी करके मानवाधिकार हनन का प्रथम दृष्टया मामला पाते हुये ढेबरुआ थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह एवं उपनिरीक्षक अमला यादव के खिलाफ जांचकर कार्यवाही करने व एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जिलाधिकारी को दिया है।
अपनी बनाई कहानी में खुद ही फंसे पुलिसवाले
बृहस्पतिवार को उपनिरीक्षक अमला यादव प्राथमिक विद्यालय कल्लनडीह बढ़नी सिद्धार्थनगर में हुए चोरी के मामले में दो अभियुक्तों को आरोपी बनाकर बरामदशुदा माल सहित रिमांड लेने के लिए पेश किया। इसी दौरान न्यायालय के समक्ष अभियुक्त गुड्डू चौहान एवं संजय कुमार मद्धेशिया ने विवेचक उपनिरीक्षक अमला यादव के सामने ही कहा कि गुड्डू चौहान को अमला यादव ने 9 दिसम्बर की सुबह 10.00 बजे पंजाब नेशनल बैंक बढनी बार्डर पुलिस चौकी के पास से गिरफ़्तार किया गया।
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जब वह अपनी और बच्चों की कमाई का चालीस हजार रूपये बैंक में जमा करने जा रहा था। इसके बाद उपनिरीक्षक अमला यादव एवं थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने पूरा रूपया भी ले लिया और थाने पर कैमरा बन्द करके उसकी बहुत पिटाई की जाती रही तथा तीन दिनों से थाने पर ही लॉकअप में रखा।
कहीं और से किया गिरफ्तार, कहानी कुछ और बताई
अभियुक्त संजय कुमार मद्धेशिया ने कहा कि उसको विवेचक अमला यादव ने 10 दिसंबर की शाम 7 बजे बढनी तिराहा बुद्धा ढाबा के पास से गिरफतार किया गया एवं उसकी कार गाडी नं०-यू०पी०-55 एम.-7315 से ही थाने पर ले जाकर कार को भी थाने पर ही रखा गया। इसके बाद 11 दिसंबर को उपनिरीक्षक अमला यादव एवं थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने 65 हजार रुपया लेकर कार उसकी पत्नी को दिया।
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यह पैसा उसकी पत्नी ने अपना मंगलसूत्र बेचकर और अपनी माँ से लेकर जुटाया। उसने बताया कि थानाध्यक्ष और विवेचक द्वारा उसके साथ बहुत मारपीट किया। दोनों ही अभियुक्तों ने कहा कि विवेचक अमला यादव एवं थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने उनको झूठा फंसाया है एवं मारपीट व धमकी देकर तथा डरा धमका कर स्वयं के अनुसार बयान देने पर मजबूर कर वीडियो बनाया है।
कोर्ट ने जांच कमेटी गठित कर डीएम को रिपोर्ट देने को कहा
न्यायालय ने उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दोनों अभियुक्तों द्वारा बताए गए 9 व 10 दिसम्बर को गिरफ्तारी स्थलों व आसपास के सीसीटीवी फुटेज, कार के सम्बंध में जांचकर करके थाने आदि की सीसीटीवी फुटेज, मंगलसूत्र बेचने इत्यादि से सम्बंधित सीसीटीवी फुटेज सहित 9 दिसम्बर को प्रातः लगभग 9.30 बजे से 12 दिसम्बर को समय 3.00 बजे तक थाने के प्रवेश द्वारा, निकास द्वार इत्यादि का सी.सी.टी.वी फुटेज निकलवाना सुनिश्चित करके प्राधिकृत विभाग से उक्त सी.सी.टी.वी. कैमरा बंद करने के समय की जांच करवाते हुए फुटेज मुलरूप में होने या उसके साथ कोई छेड़छाड होने सहित सात बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगा है।
जांच में दोषी पाए जाने पर दर्ज होगा एफआईआर
न्यायालय ने डीएम को आदेशित किया है यदि जांच में सम्बन्धित थाने की पुलिस अधिकारी कर्मचारी लिप्त पाये जाते है तो तत्काल स्वयं इस सम्बन्ध में कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करते हुए मानवाधिकार आयोग को सूचित करें। दोषी पाये गये लोग के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट थाने पर दर्ज करायें और न्यायालय को कृत्य कार्यवाही से अवगत कराया जाना सुनिश्चित करे। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि कृत कार्यवाही से 19 दिसम्बर तक न्यायालय को अवगत करायें।
अज्ञात चोरों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस
प्राथमिक विद्यालय कल्लनडीह बढ़नी के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने पुलिस को लिखित तहरीर देकर 11 दिसम्बर को केस दर्ज करवाया था। उन्होंने तहरीर के माध्यम से कहा था कि 2 दिसम्बर सोमवार को विद्यालय खुलने पर रसोईघर से एक गैस सिलेंडर और दो भगोने ढक्कन सहित चोरों ने चुरा लिया है। काफी खोजबीन के बाद भी पता नहीं चला।
पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करके किया था चोरी का खुलासा
थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह एवं चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अमला यादव, हेड कॉन्स्टेबल विजय गुप्ता, धर्मेंद्र मौर्या एवं कॉन्स्टेबल विशाल गौड़ ने दोनों अभियुक्तों को गैस सिलेंडर एवं दो भगोनों मय ढक्कन के साथ 11 दिसम्बर की रात 10 बजकर 10 मिनट पर गिरफ्तार दिखा करके चोरी के अनावरण का दावा किया था।