Jewar news:उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे के पास स्थित छोटा कस्बा जेवर अब तेजी से उभरता हुआ रियल एस्टेट बाजार बन चुका है। यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और बुनियादी ढांचे के विकास की वजह से यहां की जमीन की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। पिछले पांच सालों में जमीन के दाम 40% तक बढ़ चुके हैं।
हवाई अड्डे ने बदली जेवर की तस्वीर
जेवर का मुख्य आकर्षण यहां निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। 1,334 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में शहरीकरण को बढ़ावा दे रहा है। यह ऐसे जगह पर स्थिति है, जो दिल्ली, नोएडा और आगरा को जोड़ती है, इसे निवेश के लिए खास बनाती है।
कीमतों में भारी उछाल
रिपोर्ट बताती है कि 2020 से 2024 के बीच जमीन की कीमतें 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो चुकी हैं। अनुमान है कि 2030 तक ये कीमतें 10,482 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच सकती हैं। यह बढ़ोतरी मेट्रो विस्तार, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) और अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी जैसे परियोजनाओं के कारण हुई है।
जेवर के विकास के अन्य कारण
जेवर का विकास केवल हवाई अड्डे तक सीमित नहीं है। यहां मेट्रो लाइन का विस्तार और अन्य शहरी परियोजनाएं इसे और भी आकर्षक बना रही हैं। औद्योगिक विस्तार और सरकारी योजनाओं ने इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए निवेश का प्रमुख स्थान बना दिया है।
भारत के अन्य उभरते रियल एस्टेट बाजार
रिपोर्ट के अनुसार, जेवर भारत के आठ उभरते छोटे रियल एस्टेट बाजारों में से एक है। अन्य बाजारों में सोनीपत (एनसीआर), खोपोली (मुंबई), गिफ्ट सिटी और साणंद (अहमदाबाद), डोड्डाबल्लापुर (बेंगलुरु), ओरगादम (चेन्नई) और मुचेरला (हैदराबाद) शामिल हैं।
2030 तक निवेश के सुनहरे अवसर
जेवर का रियल एस्टेट बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। अगर निवेशकों ने अभी सही कदम उठाए, तो 2030 तक यह क्षेत्र बड़े लाभ का अवसर प्रदान कर सकता है। यहां का बुनियादी ढांचा और स्थिति इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए एक बेहतरीन जगह बनाती है