Lucknow News : राजधानी के विकासनगर क्षेत्र स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी की साईं प्लाजा शाखा में तीन उपभोक्ताओं के गिरवी रखे असली जेवरात बदलकर नकली रखने का मामला सामने आया है। करीब 43 लाख रुपये मूल्य के कुल 786.7 ग्राम सोने की यह हेराफेरी कंपनी के ही पांच कर्मचारियों की मिलीभगत से की गई। पुलिस ने इस मामले में ब्रांच हेड समेत पांच कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे हुआ खुलासा
गोरखपुर जिले के मटियारी क्षेत्र निवासी अमित कुमार त्रिपाठी ने कंपनी से गोल्ड लोन लिया था। जब उन्होंने 11 फरवरी 2025 को लोन की पूरी राशि चुका दी और अपना गिरवी रखा सोना वापस लिया, तो उन्हें शक हुआ कि जो जेवर उन्हें लौटाए गए हैं, वो असली नहीं हैं। उन्होंने तत्काल इसकी शिकायत की, जिसके बाद कंपनी द्वारा आंतरिक जांच कराई गई।
जांच में निकला बड़ा फर्जीवाड़ा
जांच के दौरान यह सामने आया कि न सिर्फ अमित त्रिपाठी बल्कि राहुल नंदा और विवेक के भी जेवरों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। असली सोना निकालकर उसकी जगह बेहद चालाकी से नकली सोना रख दिया गया था। इतना ही नहीं, पैकेट पर लगे असली स्टीकर काटकर उन्हें नकली जेवर वाले पैकेट पर इस तरह चिपकाया गया कि किसी को शक तक न हो।
कौन-कौन कर्मचारी शामिल
कंपनी के एरिया हेड शुभम देय की तहरीर पर जिन कर्मचारियों पर केस दर्ज हुआ है, उनमें शामिल हैं:
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ब्रांच हेड पंकज द्विवेदी
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सहायक ब्रांच हेड सोमनाथ यादव
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पूर्व ब्रांच हेड अनुराग सिंह
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पूर्व सहायक ब्रांच हेड सतीश सिंह
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पूर्व जूनियर स्टाफ अमन सिंह
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विकासनगर के इंस्पेक्टर आलोक कुमार सिंह के अनुसार, सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जांच की जा रही है। गोल्ड लोन कंपनी में उपयोग किए जाने वाले लॉकर दो चाभियों से खुलते हैं — एक ब्रांच हेड और दूसरी सहायक ब्रांच हेड के पास होती है। बिना दोनों की मौजूदगी के लॉकर नहीं खुल सकता। यही वजह है कि इस धोखाधड़ी में दोनों स्तरों के अधिकारियों की मिलीभगत साबित हो रही है।
कब और कैसे हुई हेराफेरी?
25 नवंबर 2024 को कंपनी में आखिरी बार गोल्ड ऑडिट हुआ था, जिसमें सारे जेवर असली पाए गए थे। इसके बाद कोई भी ऑडिट नहीं हुआ। इस दौरान ही असली जेवर निकालकर नकली रखे गए। दिलचस्प बात यह है कि पूर्व ब्रांच हेड अनुराग सिंह और सहायक ब्रांच हेड सतीश सिंह ने एक साथ एक जनवरी 2025 को नौकरी छोड़ दी थी। उनके स्थान पर सोमनाथ यादव और पंकज द्विवेदी ने जिम्मेदारी संभाली थी।