Raghuraj Singh controversial statement: उत्तर प्रदेश सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रघुराज सिंह एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय, मदरसों और मस्जिदों को सीधे तौर पर आतंकवाद से जोड़ते हुए कड़े आरोप लगाए। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि अब तक पकड़े गए सभी आतंकवादी मस्जिदों और मदरसों से निकले हैं, इसलिए इन्हें तत्काल बंद कर देना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को भी आतंकवाद का अड्डा बताते हुए उसकी जांच की मांग की। उनके बयान ने राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं, जबकि विपक्ष इसे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश बता रहा है।
Raghuraj Singh ने आगे कहा कि आतंकवाद का खात्मा तभी संभव है जब मस्जिदों और मदरसों पर ताले लग जाएं। उन्होंने यहां तक कहा कि देश में किसी भी अल्पसंख्यक संस्थान की जरूरत नहीं है और सभी लोगों को समान शिक्षा पद्धति में पढ़ना चाहिए। मंत्री के अनुसार, “अल्पसंख्यक के नाम पर अत्याचार, बलात्कार और व्यभिचार बढ़े हैं। यह हिंदुओं का देश है और जो अत्याचारियों ने हमें लूटा है, उसकी भरपाई अब होनी चाहिए।”
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एएमयू की जांच होनी चाहिए क्योंकि यहां से भी कई लोग आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। उन्होंने कश्मीर के आतंकी बुरहान वानी का उदाहरण देते हुए दावा किया कि कई चरमपंथी विचार एएमयू की मिट्टी से निकले हैं।
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इसके अलावा, यूपी मंत्री ने न्यूयॉर्क के मेयर ज़ोहरान ममदानी को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ममदानी धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास कर रहे हैं और उनकी नीतियों के कारण न्यूयॉर्क के बड़े उद्यमी शहर छोड़कर जा रहे हैं। हालांकि, यह बयान बिना किसी आधिकारिक साक्ष्य के दिया गया, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर हमला बोलते हुए Raghuraj Singh ने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद उनके शासनकाल में बढ़ा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश का कानून कड़ा होता तो फारूक अब्दुल्ला को फांसी हो जाती।
Raghuraj Singh के बयानों पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कई दलों ने इसे समाज को बांटने और धार्मिक नफरत फैलाने की कोशिश बताया है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे बयान चुनावी माहौल में ध्रुवीकरण को बढ़ावा देते हैं।
रघुराज सिंह का यह बयान आने वाले दिनों में और विवाद खड़ा कर सकता है।





