Kanpur News : कानपुर में हाल ही में एक इंजीनियर की हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के दौरान हुई मौत ने इस सर्जरी की सुरक्षा को लेकर आम जनता के बीच चिंता और सवालों को जन्म दे दिया है। देशभर में बड़ी संख्या में हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक मौजूद हैं, लेकिन अब लोग यह जानना चाह रहे हैं कि क्या यह प्रक्रिया वाकई सुरक्षित है या नहीं।
नोएडा के जाने-माने ट्राइकोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. निशांत के अनुसार, हेयर ट्रांसप्लांट मुख्य रूप से दो विधियों—FUT (फोलिक्यूलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन) और FUE (फोलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन)—के माध्यम से किया जाता है। इनमें से FUE तकनीक को अधिक आधुनिक और कम दर्ददायक माना जाता है। इस प्रक्रिया में मरीज को सामान्यतः बेहोश नहीं किया जाता और यह एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी होती है।
डॉ. निशांत किशोर ने क्या कहा ?
डॉ. निशांत ने जोर देकर कहा कि यदि यह प्रक्रिया प्रशिक्षित और अनुभवी चिकित्सक द्वारा सभी चिकित्सा मानकों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए की जाए, तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होती है। हालांकि, कई बार मरीज अपनी पिछली बीमारियों या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी डॉक्टर को नहीं देते, जिससे गंभीर जोखिम पैदा हो सकते हैं।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कम कीमत वाले ऑफ़र या पैकेज के झांसे में आकर लोग ऐसे क्लीनिक में चले जाते हैं, जहां अप्रशिक्षित या बिना लाइसेंस वाले लोग सर्जरी कर रहे होते हैं। ऐसे मामलों में गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि मरीज क्लीनिक का पंजीकरण, डॉक्टर की योग्यता और वहां की चिकित्सा सुविधाओं की अच्छी तरह से जांच कर लें।
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डॉ. निशांत ने सलाह दी कि किसी भी सर्जरी से पहले मरीज को संपूर्ण मेडिकल जांच अवश्य करानी चाहिए, अपनी सभी स्वास्थ्य जानकारियां डॉक्टर से साझा करनी चाहिए, और केवल ऐसे प्रमाणित तथा अनुभवी सर्जन के पास ही हेयर ट्रांसप्लांट कराना चाहिए, जो तय चिकित्सा मानकों का सख्ती से पालन करता हो।