कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित ग्वालटोली थाने की पुलिस ने यूपी की खूंखार लटेरी दुल्हन दिब्यांशी को दबोच लिया है। पकड़ी गई खूबसूरत लेडी मूलरूप से मेरठ की बड़ा मवाना की रहने वाली है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में आरोपी महिला ने दो दरोगा-दो बैंक अधिकारियों समेत 10 से अधिक लोगों को जाल फंसाकर उनका शिकार किया है। बताया जा रहा है कि लुटेरी दुल्हन लोगों से शादी के बाद उनसे करीब आठ करोड़ रूपए ऐंठे।
बुलंदशहर के बीबीनगर में रहने वाले आदित्य 2019 बैच के दरोगा हैं। उनके पिता ऋषिपाल किसान और मां राजेश देवी का निधन हो चुका है। परिवार में एक दिव्यांग भाई है। गांव के ही रिश्ते में लगने वाले ताऊ घर से करीब 50 किमी दूर मेरठ जनपद के मवाना थाने के पास रहने वाली दिव्यांशी चौधरी का रिश्ता लेकर आए। दहेज में स्कार्पियो, लाखों के जेवर मिलने की बात कही। दरोगा ने शादी के लिए स्वीकृति दे दी। सहमति से पिछले साल 17 फरवरी को शादी हो गई।
आदित्य ने बताया कि शादी के बाद से दिव्यांशी बीएड और सीटेट की परीक्षा की तैयारियों का बहाना बनाकर लंबे समय तक ससुराल में नहीं रुकती थी। जब घर आती थी तो अपने मोबाइल फोन से फोन-पे, गूगल-पे व अन्य यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) एप हटा देती थी। आदित्य ने बताया कि जब वह ड्यूटी पर होते तो दिव्यांशी उनसे आनलाइन रुपये मांगती थी। शादी के चार महीने बाद जब वह छुट्टी पर घर गए तो दिव्यांशी भी घर पर ही थी।
दरोगा ने बताया कि दिव्यांशी का मोबाइल फोन पकड़ा तो वह बेचैन हो गई। आदित्य ने दिव्यांशी से पूछा कि जब वह घर आते हैं तो वह मोबाइल फोन से सारे यूपीआइ एप क्यों हटा देती है। दिव्यांशी ने गोलमोल जवाब दिया तो आदित्य ने जबरन यूपीआई एप डाउनलोड कराए। जांच की तो उसके होश उड़ गए। ट्रांजेक्शन हिस्ट्री में 10 से ज्यादा खाते और करोड़ों का लेनदेन दिखा। खातों के बारे में पूछने के बाद दिव्यांशी उनसे झगड़कर मायके चली गई थी।
बता दें, पिछले साल 25 नवंबर को दिव्यांशी ने हाईवोल्टेज ड्रामा करते हुए तत्कालीन पुलिस आयुक्त अखिल कुमार से दरोगा पति पर परेशान करने और 14.50 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया। उसने कहा कि उसके पति के कई महिलाओं से संबंध हैं। वो इंटरनेट मीडिया पर लड़कियों को फंसाता है। उनका शारीरिक शोषण कर फोटो-वीडियो से उन्हें ब्लैकमेल करता है। दिव्यांशी की शिकायत और दारोगा के पक्ष रखने के बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने जांच बैठाई थी।
तत्कालीन स्टाफ आफिसर अमिता सिंह जांच कर रही थीं। दारोगा आदित्य ने दिव्यांशी के खिलाफ सैकड़ों साक्ष्य दिए। उन्होंने पुलिस को बताया कि दिव्यांशी ने दो बैंक मैनेजर और मेरठ के एक दारोगा से पहले भी शादी की थी और फिर दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया। इसके अलावा एक अन्य सरकारी अधिकारी समेत कई लोगों को शिकार बनाया। बैंक मैनेजरों के मुकदमों में वह कोर्ट में ट्रायल के दौरान बयान से पलट गई। इससे यह साबित हुआ कि दिव्यांशी ब्लैकमेलर है।
दरोगा आदित्य ने बताया कि दिव्यांशी के खातों की जांच में पुलिस को मेरठ में तैनात रह चुके दारोगा, प्रभारी निरीक्षक व सीओ तक के खातों में करोड़ों का लेनदेन मिला है। यह लेनदेन प्रमाण है कि दिव्यांशी के लिए पुलिस के कई अधिकारी काम करते हैं। तत्कालीन पुलिस आयुक्त अखिल कुमार का तबादला होते ही उसके गिरोह से जुड़े कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने उसे बरगलाना शुरू कर दिया। इनमें एक सेवानिवृत्त सीओ के साथ एडीजी जोन मेरठ के कार्यालय में तैनात दारोगा भी दिव्यांशी की पैरवी को आ चुके हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि दिब्याशी के 10 बैंक खातों में आठ करोड़ रुपये मिले है। जबकि दारोगा आदित्य के अलावा एक दारोगा और दो बैंक मैनेजर भी पूर्व पति के रूप में जबकि कुछ सरकारी कर्मचारी प्रेमजाल में फंसकर उसका शिकार हुए मिले। जांच में परतें खुलीं तो पता चला कि यह संगठित गिरोह है जिसमें उसके साथ पुलिस के कई वर्तमान और पूर्व अधिकारी भी मददगार हैं। वहीं लुटेरी दुल्हन ने गिरफ्तारी होने के बाद खुद को छुड़ाने के लिए महिला थाने में वकीलों की फौज बुला ली। हालांकि पुलिस के आगे किसी की नहीं चली। फिलहाल उसे महिला थाने में रखा गया था, जहां से उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस के मुताबिक सभी पर आरोप लगाकर उनसे मोटी रकम वसूली है। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसको मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने महिला को जेल भेज दिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी के तरीके के आधार पर उसको लुटेरी दुल्हन की संज्ञा दी गई। वह पहले रीति रिवाज से शादी करती है और दुष्कर्म का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करा देती थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उससे वसूली करती थी।
