कानपुर: कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र के चतरीपुर गांव में एक दुखद घटना सामने आई है। गांव के सार्वजनिक तालाब में लगभग 200 कछुओं की अचानक मौत ने ग्रामीणों को स्तब्ध कर दिया है। रविवार सुबह तालाब में मृत कछुओं को तैरते देखकर गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची टीम ने कछुओं के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घटना के बाद गांव में सुरक्षा के मद्देनजर तालाब के पास पशुओं और बच्चों के जाने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है। मौत की वजह का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ‘गोरखपुर में सैकड़ों मछलियों और कानपुर में 200 से अधिक कछुओं की मौत चिंताजनक है। ये केवल मछली-कछुओं की मौत का सवाल नहीं है बल्कि जल से संबद्ध ‘जीवन-चक्र’ का संकट है। वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को लेकर भाजपा सरकार की उदासीनता ही इसकी मुख्य वजह है। अपनी भ्रष्ट नीतियों से भाजपा राजनीतिक पर्यावरण को प्रदूषित करते-करते, सामाजिक-सौहार्द के पर्यावरण और पारिस्थितिकी के लिए भी संकट बन गयी है। भाजपा जब स्वयं समस्या बन गयी है, तो वो किसी समस्या का समाधान कैसे करेगी। चतुर्दिक पर्यावरण कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
वहीं, चतरीपुर गांव के ग्राम प्रधान शिवकुमार यादव ने बताया कि तालाब में करीब 300 कछुए थे, जिनका संरक्षण गांववालों के सामूहिक प्रयास से किया जा रहा था। ग्रामीण अक्सर माइनर बंबे से कछुओं को पकड़कर तालाब में छोड़ देते थे, जिससे तालाब में कछुओं की संख्या बढ़ गई थी। गांव के लोग कछुओं को प्राकृतिक संपत्ति मानते थे और उनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध थे।
घटना की सूचना मिलते ही Kanpur पुलिस और Kanpur वन विभाग की टीम गांव में पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पतरा चौकी इंचार्ज अनुज राजपूत ने बताया कि सभी मृत कछुओं को बोरियों में भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इनकी मौत के कारणों का पता चलेगा। अभी के लिए, ग्रामीणों को निर्देश दिया गया है कि अपने पशुओं और बच्चों को तालाब के पास न आने दें।
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ग्रामीणों में इस घटना को लेकर गहरी चिंता है। तालाब में इतने बड़े पैमाने पर कछुओं की मौत एक असामान्य घटना है, जिसने गांववालों को सदमे में डाल दिया है। अब सभी की नजरें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह पता चल सकेगा कि मौत का कारण जहरीले पदार्थ, पानी की गुणवत्ता में कमी, या कोई अन्य कारक है।