kasganj News: कासगंज जिले के प्रशासनिक अमले की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। आम जनता की शिकायतों के बीच खुद जिलाधिकारी मेधा रूपम ने जब अधिकारियों को कॉल किया, तो एक-दो नहीं, पूरे 11 अफसरों ने फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझा। यह रियलिटी चेक अलीगढ़ कमिश्नर संगीता सिंह के निर्देश पर किया गया, जिसमें अधिकारियों की संवेदनहीनता खुलकर सामने आई।
कमिश्नर को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि अधिकारी जनता की समस्याओं पर फोन नहीं उठाते, जिससे आम लोग परेशान होते हैं। इसकी हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी ने खुद कॉल करके अफसरों की तत्परता परखी। लेकिन 11 अफसर इस कसौटी पर फेल हो गए।इनमें सीएमओ डॉ. राजीव अग्रवाल, डीआईओएस पीके मौर्य, एआरएम ओमप्रकाश, सूचना अधिकारी मिथलेश कुमार सहित कई विभागों के जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं।
कौन हैं ये लापरवाह अफसर?
1- खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुनील कुमार– जनसुनवाई के दौरान दफ्तर से नदारद, फोन पर पटियाली में होने की बात कही
2- डीआईओएस पीके मौर्य– बार-बार कॉल करने के बावजूद जवाब नहीं
3- सीएमओ डॉ. राजीव अग्रवाल– फोन नहीं उठाया
4- एआरएम ओमप्रकाश- अनुपलब्ध
5- जिला प्रबंधक (को-ऑपरेटिव) प्रिया– फोन नहीं उठाया
6- सूचना अधिकारी मिथलेश कुमार– जवाब नहीं दिया
7- जल निगम अधिशासी अधिकारी विश्वजीत– कॉल रिसीव नहीं किया
8- निर्माण खंड के अधिशासी अधिकारी नंद किशोर– कॉल पर प्रतिक्रिया नहीं
9- होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. मंजू– निरीक्षण पर थीं, अस्पताल में मौजूद नहीं
10- जिला उद्यान अधिकारी रविंद्र कुमार जयसवाल– सुबह 11:30 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंचे
सख्त रुख अपनाया गया
इस लापरवाही से कमिश्नर संगीता सिंह जिलाधिकारी मेधा रूपम अचंभित रह गईं।सभी 11 अधिकारियों से तत्काल स्पष्टीकरण तलब किया गया है।यह चेतावनी दी गई है कि भविष्य में ऐसी उदासीनता सहन नहीं की जाएगी।
लैंडलाइन सिस्टम होगा मजबूत
अब प्रशासन ने निर्णय लिया है कि सभी विभागों में लैंडलाइन फोन को दुरुस्त किया जाएगा या नए लगाए जाएंगे, जिससे वरिष्ठ अधिकारी रियलिटी चेक कर सकें और जनसंपर्क बेहतर बनाया जा सके।
वर्जन
जिलाधिकारी मेधा रूपम का कहना है कि कमिश्नर के निर्देश पर मोबाइल से रियलिटी चेक किया गया। जिसमे कई अफसरों के फोन नहीं उठे और जिनके फोन उठे वह जनसुनवाई के समय ऑफिस में नहीं थे। मामले मे 11 अधिकारियों का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।