आशुतोष अग्निहोत्री, नोएडाः मिशन 2027 फतह करने की तैयारियों में लगी बीजेपी अगले कुछ दिनों में यूपी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के अगले प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में सबसे आगे हैं. बीजेपी सूत्रों की मानें तो दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद केशव मौर्य ने इसकी सहमति दे दी है. दो दिन पहले एक्स पर पोस्ट करके उन्होंने यह इशारा भी कर दिया था. केशव जल्द ही योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर संगठन की बागडोर संभाल सकते हैं.
राजभवन में राज्यपाल से मिलने पहुंचे
दरअसल शुक्रवार को केशव प्रसाद मौर्य राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने मुलाकात की पोस्ट एक्स पर शेयर करते हुए इसे शिष्टाचार भेंट बताया था. हालांकि लखनऊ के सियासी गलियारों में चर्चा है कि वे गवर्नर से यूं ही मिलने नहीं गए थे. पार्टी आलाकमान के निर्देश के बाद यह मुलाकात हुई है और केशव के सरकार से संगठन में जाने की भूमिका तैयार हो रही है. मौर्य की इस मुलाकात के बाद उन्हें अभी से एक्स पर बधाई देने वालों का सिलसिला शुरू हो गया है.
तीन दिन पहले अमित शाह से मिले थे केशव
तीन दिन पहले केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे. मुलाकात के बाद उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए गृहमंत्री अमित शाह को भारतीय राजनीति का चाणक्य बताते हुए उत्तर प्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाने का संकल्प लिया था. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था…
“भारतीय राजनीति के चाणक्य हम जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत व मार्गदर्शक देश के यशस्वी गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से शिष्टाचार भेंट कर 2027 में 2017 दोहराने व तीसरी बार भाजपा सरकार बनने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ..”
जातीय समीकरण में फिट बैठ रहे मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य की पहले गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात और उसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि प्रदेश में बीजेपी और संगठन दोनों में फेरबदल होना है. यूपी में विधायकों की संख्या के अनुसार 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जबकि इस समय योगी मंत्रिमंडल में 54 मंत्री ही हैं. बीजेपी थिंकटैंक चाहता है कि 2027 के चुनाव में जाने से पहले किसी ऐसे व्यक्ति को कमान सौंपी जाए जो संगठन, सहयोगी दलों और संघ के साथ बेहतर तालमेल से काम कर सके.. केशव मौर्य के नेतृत्व में ही बीजेपी यूपी में 15 साल का सूखा खत्म करके वर्ष 2017 में सत्ता में आई थी. 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्रदेव सिंह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे, लेकिन वह चुनाव पूरी तरह से यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर लड़ा गया था.
इसलिए रेस में आगे निकले केशव प्रसाद
यूपी में इस समय बीजेपी की टक्कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सपा कांग्रेस गठबंधन से है. 2024 के चुनाव से पहले ही अखिलेश यादव ने यूपी में पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक की आवाज बुलंद करते हुए पीडीए जोड़ो महाअभियान चला रखा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पीडीए ने बीजेपी को जबरदस्त डेंट दिया और 80 लोकसभा सीटों में बीजेपी मात्र 33 सीटों पर सिमट गई. जबकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की. सपा ने 36 और कांग्रेस ने 7 सीटें जीतीं. दो सीटों पर रालोद, एक पर आजाद समाज पार्टी और एक सीट पर अपना दल ने जीत दर्ज की.
इन नामों पर भी चल रही चर्चा
मौजूद प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, अमरपाल मौर्य, साध्वी निरंजन ज्योति, रामशंकर कठेरिया, विद्यासागर सोनकर, विनोद सोनकर, बाबूराम निषाद।