Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
यूपी के नवनिर्वाचित मेयर और चेयरमैनों के शपथ ग्रहण के साथ ही लगेगी पाठशाला

UP Politics: यूपी के नवनिर्वाचित मेयर और चेयरमैनों के शपथ ग्रहण के साथ ही लगेगी पाठशाला

उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं। 13 मई 2023 को यूपी के नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। अब तैयारी है नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण के साथ पहली बैठक की। पहली बैठक के साथ ही शुरू हो जाएगा निकायों का कार्यकाल। 29 मई को यूपी में नगरी निकाय के शपथ ग्रहण की तैयारी है।

देश के सबसे बड़े सूबे के साथ ही सबसे ज्यादा नगरीय निकायों वाला है यूपी

उत्तर प्रदेश में कुल 2 चरणों में नगरीय निकाय का चुनाव हुआ था। यूपी में कुल नगरीय निकायों की संख्या 760 है। जिसमें 14684 पदों पर हुआ है निर्वाचन। देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के साथ ही सबसे बड़ा नगरीय निकाय वाला प्रदेश भी उत्तर प्रदेश है। जिसमें 17 नगर निगम है 199 पालिका परिषद अध्यक्ष और 544 नगर पंचायतें हैं। जिसमें मेयर चेयरमैन अध्यक्ष मिलाकर कुल 14684 पद है पहले चरण का चुनाव 4 मई और दूसरे चरण का चुनाव 11 मई और 13 मई को रिजल्ट आया था।

 

उत्तर प्रदेश के 760 नगरीय निकाय क्षेत्र में 4 करोड़ 32 लाख 39 हजार 647 मतदाता है। जिसमें 2 करोड़ 29 लाख 87 हजार 955 पुरुष मतदाता और दो करोड़ 2 लाख 51 हजार 692 महिला मतदाता है। उत्तर प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में कुल 52.4% मतदान हुआ था। प्रदेश में 75 जनपदों में 760 अध्यक्ष और 13924 सदस्यों के पदों पर चुनाव हुआ है।

यूपी निर्वाचन आयोग कल सरकार को सौंप आएगा चुनाव रिजल्ट

उत्तर प्रदेश में जिसमें 760 नगरीय निकाय हैं, यूपी राज्य निर्वाचन आयोग कल यानी सोमवार को नगरीय निकाय का चुनाव परिणाम उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप देगा। परिणाम आयोग से मिलते ही नगर विकास विभाग एक हफ्ते में सभी नगरीय निकायों को शपथ ग्रहण कराने के कार्यक्रम जारी करेगा।

29 तारीख को शपथ ग्रहण के साथ ही पाठशाला और बैठक की तैयारी

ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 29 मई को यूपी के नगरीय निकायों में शपथ ग्रहण हो सकता है। शपथ ग्रहण के साथ ही प्रदेश के सभी मेयर और चेयरमैन की पाठशाला भी लगाई जाएगी। मेयर और चेयरमैन की पाठशाला राजधानी लखनऊ में लगाने की तैयारी है। जिसमें बताया जाएगा कि उनके अधिकार और कर्तव्य क्या है, निकायों में सरकार की किन-किन योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया जा सकता है।

जून माह में ही निकायों की पहली बैठक कराने की तैयारी

क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से उम्मीदवारों की अधिकृत सूची लेकर उसका मिलान करा चुका है। अब नगर विकास विभाग को सूची मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। जिसके बाद नगर विकास विभाग 5 वर्ष के लिए निकाय गठन की अधिसूचना जारी करेगा। निकायों के गठन के बाद नगर निगम पालिका परिषद और नगर पंचायतों में शपथ ग्रहण के साथ सदन और बोर्ड की बैठक भी बुलाई जाएगी। उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग कोशिश कर रहा है कि यह बैठके जून में ही बुला ली जाए। ताकि जिस दिन बोर्ड या सदन की बैठक होगी उसी दिन से 5 वर्ष का कार्यकाल भी माना जाएगा। मतलब सीधे तौर पर मई महीने में शपथ ग्रहण तो वही जून के महीने में कार्यकारिणी और बोर्ड की बैठकर बुलाने की योजना है, ताकि सभी निकायों का कार्यकाल एक साथ शुरू हो और एक साथ खत्म।

मेयर और चेयरमैन के प्रशिक्षण में पीएम मोदी को बुलाने की तैयारी

मेयर और चेयरमैन की पाठशाला में पीएम मोदी को बुलाने की तैयारी में जुटा है नगर विकास विभाग, शपथ ग्रहण के बाद प्रदेश सरकार नवनिर्वाचित मेयर और अध्यक्षों की पाठशाला लखनऊ में लगाने जा रहा है, जिसमें उनके अधिकारों, निकाय की कार्यप्रणाली के बारे में बताया जाएगा, सरकार की योजना का लाभ कैसे जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है उसकी जानकारी दी जाएगी, कैसे निकाय काम करेंगे उसके बारे में भी बताया जाएगा नगर विकास विभाग प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी को भी बुलाने की तैयारी कर रहा है, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगा, जिसको लेकर तैयारियां तेजी के साथ नगर विकास विभाग कर रहा है, 29 मई को शपथगृहण और 30 या 31 मई में मेयर और चेयरमैन का प्रशिक्षण कार्यक्रम जो कि राजधानी लखनऊ में होगा, नगर विकास विभाग और जून के महीने में ही सभी निकायों की पहली बोर्ड बैठक बुलाने की तैयारियां नगर विकास विभाग कर रहा है, ताकि समय से सभी नगर निकायों का कार्यकाल शुरू हो जाए, क्योंकि पहले ही आरक्षण विवाद के चलते नगरीय निकाय के चुनाव काफी लेट हो चुके हैं।

Exit mobile version