Mau News: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में अपराध जगत का पुराना नाम रमेश सिंह काका एक बार फिर सुर्खियों में है। वाराणसी के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी और आजमगढ़ के जेलर दीपसागर सिंह हत्याकांड जैसे संगीन मामलों में नामजद रह चुके काका ने इस बार अपनों पर ही हथियार उठा लिया। शुक्रवार को सरायलखंसी थाना क्षेत्र के कैथवली गांव में पैसों के लेन-देन को लेकर काका का अपने इकलौते बेटे सुधीर से विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि काका ने अपना आपा खो दिया और बेटे की जमकर पिटाई करने के बाद उस पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। गनीमत रही कि परिजनों ने समय रहते दखल दिया और पिस्टल छीन ली, जिससे सुधीर की जान बच गई। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर फरार अपराधी की तलाश में जुटी है।
पारिवारिक विवाद ने लिया हिंसक रूप
मिली जानकारी के अनुसार, रमेश सिंह काका Mau और उनके बेटे सुधीर के बीच लंबे समय से आर्थिक लेनदेन को लेकर तनाव चल रहा था। शुक्रवार को यह बहस हिंसक झड़प में बदल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, काका ने पहले सुधीर को लात-घूंसों से पीटा और फिर गुस्से में आकर अपनी पिस्टल निकाल ली। अचानक हुई इस फायरिंग से गांव में दहशत फैल गई। Mau पुलिस के अनुसार, आरोपी इस समय भारतीय बीज अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को धमकाने के मामले में जमानत पर बाहर चल रहा था।
छह दर्जन मुकदमों का लंबा इतिहास
रमेश सिंह काका पूर्वांचल के उन अपराधियों में शुमार है, जिसका खौफ दशकों से बना हुआ है। उस पर हत्या, अपहरण, रंगदारी और फिरौती जैसे कुल 72 आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजनीति में दखल रखने वाला काका 2005 से मऊ के परदहा ब्लॉक पर अपना वर्चस्व बनाए हुए है और अपने समर्थकों को ब्लॉक प्रमुख बनाने में सफल रहा है। हालांकि, विधानसभा चुनाव लड़ने की उसकी कोशिशें कभी सफल नहीं हुईं क्योंकि किसी बड़े दल ने उसे टिकट नहीं दिया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही Mau सीओ सदर कृष्ण राजपुत के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर पहुँचा। पुलिस ने सुधीर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की गई हैं और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही कुख्यात अपराधी को सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा।








