Mau by-election: उत्तर प्रदेश की मऊ सदर विधानसभा सीट पर राजनीतिक गर्मी तेज हो गई है। अंसारी परिवार की पारंपरिक इस सीट पर अब्बास अंसारी की सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव तय है। इसी बीच एनडीए घटक दल सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी के लिए इस सीट की दावेदारी पर अड़ गए हैं। राजभर का कहना है कि अगर यह सीट एनडीए में सुभासपा को नहीं मिली तो भी वे अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे। वहीं दूसरी ओर माफिया डॉन से नेता बने बृजेश सिंह का नाम एनडीए उम्मीदवार के तौर पर सामने आ रहा है। आखिर ओमप्रकाश राजभर इस सीट को लेकर इतने जिद्दी क्यों हो गए हैं? इसके पीछे कई राजनीतिक समीकरण जुड़ रहे हैं।
मऊ सदर सीट की अहमियत क्यों?
Mau सदर विधानसभा सीट पूर्वांचल की सबसे हॉट सीटों में मानी जाती है। 1980 से अब तक यह सीट मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती रही है और अंसारी परिवार का यहां दबदबा रहा है। मुख्तार अंसारी ने इस सीट पर 1996 में पहली बार जीत दर्ज की थी और उसके बाद से यह सीट अंसारी परिवार के पास ही रही। बीजेपी इस सीट पर कभी जीत दर्ज नहीं कर सकी है। यही वजह है कि एनडीए इस बार इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।
ओमप्रकाश राजभर क्यों कर रहे हैं जिद?
2017 में सुभासपा ने इस सीट पर बीजेपी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था और महेंद्र राजभर ने मुख्तार अंसारी को कड़ी टक्कर दी थी। 2022 में सुभासपा ने सपा के साथ गठबंधन किया और अंसारी परिवार के अब्बास अंसारी को टिकट दिया, जो बड़ी जीत के साथ विधायक बने। अब जब सीट खाली हुई है, तो ओमप्रकाश राजभर का तर्क है कि लगातार दो चुनाव में सुभासपा यहां लड़ चुकी है, इसलिए यह सीट उनके कोटे में ही रहनी चाहिए। राजभर इस सीट को अपनी पार्टी के वजूद से जोड़कर देख रहे हैं।
बृजेश सिंह का नाम क्यों हो रहा है चर्चा में?
एनडीए के भीतर चर्चा है कि इस बार Mau सदर सीट से माफिया डॉन बृजेश सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है। बृजेश सिंह पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी के बड़े विरोधी माने जाते हैं। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि बृजेश सिंह सुभासपा के टिकट पर भी चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, ओमप्रकाश राजभर ने इस सवाल पर चुप्पी साध ली है। बृजेश सिंह के समर्थक पहले से ही Mau में सक्रिय नजर आ रहे हैं, जिससे यह संभावना और प्रबल हो गई है कि राजभर बृजेश सिंह को अपने पाले में ला सकते हैं।
सीट किसे मिलेगी, एनडीए में खींचतान जारी
ओमप्रकाश राजभर साफ कर चुके हैं कि यदि मऊ सदर सीट एनडीए में उन्हें नहीं दी गई तो वे अपना उम्मीदवार उतारेंगे। यानी अगर बीजेपी ने बृजेश सिंह को सीधा टिकट दिया तो सुभासपा बगावत कर सकती है। इस खींचतान के चलते एनडीए के अंदर अंदरूनी दबाव बढ़ गया है। अब देखना होगा कि क्या बीजेपी इस सीट पर राजभर की मांग मानती है या बृजेश सिंह को प्राथमिकता देती है। मऊ का यह उपचुनाव न केवल स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेगा बल्कि एनडीए के अंदर सीट बंटवारे की नीति पर भी असर डालेगा।