MBBS Fraud: उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित सुभारती विश्वविद्यालय में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां 20 छात्रों ने बौद्ध धर्म के फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर अल्पसंख्यक कोटे से एमबीबीएस में प्रवेश लिया है। यह मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर के सभी अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के प्रमाण पत्रों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित सुभारती विश्वविद्यालय में अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में अल्पसंख्यक कोटे के तहत MBBS सीटें आरक्षित हैं। मेरठ स्थित सुभारती विश्वविद्यालय में पहले चरण की काउंसलिंग में 22 सीटें अल्पसंख्यक कोटे के तहत थीं। इनमें से 20 सीटों पर छात्रों ने बौद्ध धर्म के फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर प्रवेश लिया है। यह मामला चिकित्सा शिक्षा विभाग के संज्ञान में आया तो जांच के आदेश दिए गए।
पूरे प्रदेश में जांच के आदेश
मेरठ के इस मामले के बाद प्रदेश के सभी अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग के पहले चरण में हुए दाखिलों की जांच शुरू कर दी गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह का कहना है कि जांच के बाद जिन MBBS अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाएंगे, उनका दाखिला निरस्त कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है। जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला एक बार फिर शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को रेखांकित करता है।
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यूपी में MBBS की 1100 से ज्यादा सीटें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के पांच नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने को मंजूरी दी है। साथ ही कानपुर देहात और ललितपुर के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 कर दी गई है। इससे 600 नई MBBS सीटें हो गई हैं। शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए प्रदेश में एमबीबीएस की कुल नई सीटों की संख्या अब 11,200 हो गई है। इनमें से 5,150 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों में और 6,050 सीटें निजी मेडिकल कॉलेजों में हैं।