पश्चिमी यूपी में हाई कोर्ट बेंच की मांग: आज मेरठ समेत 22 जिलों में ‘पूर्ण बंद’, जनजीवन प्रभावित

पश्चिमी यूपी में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर आज मेरठ सहित 22 जिलों में 'महाबंद' है। व्यापारिक संगठनों, निजी स्कूलों और डॉक्टरों के समर्थन से बाजार, क्लीनिक और परिवहन ठप हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है।

Meerut Bandh Today: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लंबे समय से लंबित हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर आज पूरा क्षेत्र आंदोलित है। ‘वेस्ट यूपी हाई कोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति’ के आह्वान पर आज मेरठ समेत 22 जिलों में पूर्ण बंद का ऐलान किया गया है। इस आंदोलन को 1000 से अधिक व्यापारिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। आज सुबह से ही मेरठ के प्रमुख बाजार जैसे आबूलेन, सदर और बेगमपुल पूरी तरह बंद नजर आ रहे हैं। वकीलों ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर कचहरी परिसर में धरना शुरू कर दिया है, जिससे कानूनी कामकाज ठप हो गया है।

Meerut Bandh

क्या खुला है और क्या बंद?

Meerut Bandh आंदोलन के व्यापक असर को देखते हुए प्रशासन और विभिन्न संघों ने निम्नलिखित गाइडलाइंस जारी की हैं:

श्रेणी

स्थिति

विवरण

शिक्षण संस्थान

बंद

सभी निजी स्कूल और कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे।

विश्वविद्यालय परीक्षाएं

स्थगित

CCSU की आज होने वाली परीक्षाएं अब 12 जनवरी 2026 को होंगी।

चिकित्सा सेवाएं

आंशिक बंद

आईएमए के अनुसार, शाम 5 बजे तक OPD सेवाएं ठप रहेंगी, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं।

बाजार व व्यापार

बंद

सर्राफा मंडी, ऑटो पार्ट्स, फल-सब्जी और अनाज मंडियां पूरी तरह बंद हैं।

परिवहन

प्रभावित

बस, ऑटो, ई-रिक्शा और ट्रांसपोर्टरों ने चक्का जाम का समर्थन किया है।

पेट्रोल पंप व गैस

बंद

पेट्रोल पंप और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी बंदी का समर्थन किया है।

आंदोलन को मिला चौतरफा समर्थन

इस बार का ‘Meerut Bandh‘ ऐतिहासिक बताया जा रहा है क्योंकि इसमें समाज के हर वर्ग ने भागीदारी सुनिश्चित की है:

  • अधिवक्ता: 22 जिलों के वकील न्यायिक कार्य से विरत रहकर 35 चिन्हित स्थानों पर धरना दे रहे हैं।

  • व्यापारी: संयुक्त व्यापार संघ के नेतृत्व में प्रचार वाहन शहर में घूमकर बंदी सुनिश्चित करा रहे हैं।

  • किसान व मुस्लिम संगठन: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसे संगठनों ने भी अपनी एकजुटता दिखाई है।

  • राजनीतिक पहल: सांसद अरुण गोविल ने इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल के लिए समय मांगा है।

प्रशासनिक सतर्कता

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेरठ और आस-पास के जिलों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि अति आवश्यक सेवाओं (जैसे एम्बुलेंस और अस्पताल) को बंद से मुक्त रखा गया है ताकि आम जनता को गंभीर परेशानी न हो।

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