Meerut dying mother: मानवता को शर्मसार करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में रहने वाली 74 वर्षीय बीमार महिला चंद्रप्रभा, जो कैंसर से जूझ रही हैं और बिस्तर पर ही सीमित हैं, को अस्पताल ले जाने के बजाय उनके छोटे बेटे ने एंबुलेंस में रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचा दिया। मकसद था उनकी संपत्ति को अपने नाम कराना। चंद्रप्रभा का बड़ा बेटा राजीव गर्ग और उनकी बेटियां इस कृत्य की भनक लगने पर तुरंत रजिस्ट्रार दफ्तर पहुंचे और हंगामा खड़ा कर दिया। यह मामला न सिर्फ परिवार की शर्मनाक स्थिति उजागर करता है, बल्कि समाज में लालच के बढ़ते स्तर की ओर भी इशारा करता है।
रजिस्ट्री के लिए मां को अस्पताल की जगह दफ्तर लाया
74 वर्षीय चंद्रप्रभा इंद्रा नगर में रहती हैं। उनके पति अशोक गर्ग की डेढ़ साल पहले मृत्यु हो चुकी है। अपनी मौत से पहले अशोक गर्ग ने सारी संपत्ति पत्नी चंद्रप्रभा के नाम कर दी थी। उनका छोटा बेटा संजीव गर्ग, जो बिजनेस करता है, मां को अस्पताल ले जाने का बहाना बनाकर एंबुलेंस में रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचा। संजीव ने मां के नाम की संपत्ति को अपने नाम करवाने के लिए कागजात तैयार करवा लिए थे।
Meerut रजिस्ट्रार कार्यालय में यह सब होते समय चंद्रप्रभा का बड़ा बेटा राजीव गर्ग, जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है, और उनकी बहनों को इस घटना की जानकारी मिली। आनन-फानन में राजीव अपनी पत्नी और बहनों के साथ रजिस्ट्रार दफ्तर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि छोटा भाई मां की संपत्ति हथियाने की कोशिश में जुटा है।
परिवार में झगड़ा, लोगों ने की निंदा
Meerut रजिस्ट्रार कार्यालय में जैसे ही इस घटना का पता चला, लोग हैरान रह गए। राजीव और उनकी पत्नी ने हंगामा खड़ा कर दिया। इसी बीच संजीव एंबुलेंस में मां को लेकर फरार हो गया। रजिस्ट्रार ने मामले का संज्ञान लेते हुए रजिस्ट्री प्रक्रिया रोक दी और कोई भी दस्तावेज मानने से इनकार कर दिया।
लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की। एक मां, जो अपनी जिंदगी की आखिरी लड़ाई लड़ रही है, उसका बेटा उसकी बीमारी का फायदा उठाने की कोशिश करता दिखा।
बड़े बेटे ने पुलिस से की शिकायत
इस घटना के बाद बड़े बेटे राजीव गर्ग ने सिविल लाइन्स थाने में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। उन्होंने छोटे भाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। चंद्रप्रभा की यह संपत्ति उनके जीवन भर की कमाई और संघर्ष का प्रतीक है, जिसे बचाने के लिए परिवार के अन्य सदस्य अब कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
मेरठ के इस मामले ने पारिवारिक रिश्तों और लालच के कारण उत्पन्न कड़वाहट को उजागर किया है। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है।