’30 दिन तक पोस्ट शेयर करने वाले से ही मिलूंगी’, यूपी की PCS अधिकारी का वीडियो वायरल, लोगों में गुस्सा

लखनऊ की PCS अधिकारी स्वाति गुप्ता का फेसबुक लाइव वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने मिलने की शर्त रखी कि लोग उनकी पोस्ट 30 दिन तक शेयर करें और टॉप फैन बनें। इस बयान पर भारी विवाद छिड़ गया।

PCS officer Swati Gupta

PCS officer Swati Gupta viral video,: उत्तर प्रदेश की एक PCS महिला अधिकारी स्वाति गुप्ता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने भारी विवाद खड़ा कर दिया है। वीडियो में PCS officer Swati Gupta कहती हैं कि उनसे मिलने की इच्छा रखने वालों को उनकी फेसबुक पोस्ट लगातार 30 दिन तक शेयर करनी होगी और साथ ही उनके पेज पर ‘टॉप फैन’ बनना होगा। तभी वे मिलने का अवसर देंगी। यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। यूजर्स का कहना है कि सरकारी सेवा में रहते हुए इस तरह का आचरण सेवा नियमों के खिलाफ है। वहीं, कई लोग इसे उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा मामला भी बता रहे हैं।

PCS अधिकारी का वीडियो वायरल

मेरठ की रहने वाली और वर्तमान में लखनऊ में तैनात PCS officer Swati Gupta का यह वीडियो फेसबुक लाइव के दौरान सामने आया। इसमें उन्होंने साफ कहा कि जो लोग उनसे मिलना चाहते हैं, वे 30 दिन तक लगातार उनकी पोस्ट शेयर करें और टॉप फैन बनें। इसके बाद ही उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। इस बयान के साथ वीडियो तेजी से वायरल हो गया और लोगों में नाराजगी बढ़ने लगी। कई यूजर्स ने कहा कि एक सरकारी अधिकारी का इस तरह का व्यवहार जनता के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है।

लोगों की प्रतिक्रिया और आलोचना

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर कई प्रतिक्रियाएं सामने आईं। एक यूजर ने लिखा कि यह सेवा नियमों का उल्लंघन है और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। दूसरे ने लिखा कि अफसरों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना चाहिए और सोशल मीडिया का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए। कुछ लोगों ने कहा कि जनता से मिलने के लिए शर्तें रखना प्रशासनिक मर्यादाओं के खिलाफ है।

रिटायर्ड अधिकारियों की राय

विवाद बढ़ने के बाद रिटायर्ड अधिकारियों ने भी इस पर सवाल उठाए। एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। इस तरह की शर्तें रखना न केवल अनुचित है, बल्कि यह जनता के विश्वास को कमजोर करता है। वहीं, कुछ लोग इसे उनकी निजी पसंद बता रहे हैं, लेकिन बहस का रुख यही है कि यह कदम उनकी आधिकारिक जिम्मेदारियों के खिलाफ माना जा सकता है।

कार्रवाई की मांग और संभावित प्रशासनिक असर

सोशल मीडिया पर बढ़ते विवाद के बीच अब कई लोग राज्य सरकार और प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ संगठनों का कहना है कि अगर किसी अधिकारी का आचरण सेवा नियमों के विपरीत पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय जांच हो सकती है। प्रशासनिक जानकारों का मानना है कि ऐसी घटनाएं अधिकारियों की छवि और जनता के विश्वास को प्रभावित करती हैं, इसलिए सरकार इस मामले में सख्ती दिखा सकती है। हालांकि अभी तक किसी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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