Mahakumbh 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 5 फरवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ मेले में शामिल होने जा रहे हैं। वे त्रिवेणी संगम में स्नान करेंगे और मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ रहेंगे।
पीएम मोदी का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10:05 बजे प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए डीपीएस हेलीपैड जाएंगे और फिर अरैल घाट पहुंचेंगे। इसके बाद वे नाव के जरिए संगम तट जाएंगे और वहां करीब 11:00 बजे पवित्र स्नान करेंगे। इसके बाद वे महाकुंभ प्रदर्शनी स्थल का दौरा करेंगे, जहां उन्हें महाकुंभ की भव्य तैयारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। दोपहर 12:30 बजे वे वायुसेना के विमान से वापस लौट जाएंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पीएम मोदी की यात्रा को लेकर प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। हर जगह सीसीटीवी कैमरों की निगरानी हो रही है, स्पेशल कमांडो टीमों को तैनात किया गया है और पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। हजारों सुरक्षाकर्मी पूरे इलाके में तैनात हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
महाकुंभ 2025 की खास बातें
महाकुंभ हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में आयोजित होता है और इसे हिंदू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में गिना जाता है। इस बार के महाकुंभ में अब तक 38 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। यहां देश विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं, संत महात्माओं के प्रवचन सुनते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
प्रधानमंत्री की पिछली यात्रा कब हुई थी
इससे पहले, दिसंबर 2024 में भी प्रधानमंत्री मोदी प्रयागराज आए थे। तब उन्होंने 6,670 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। उस दौरान भी वे संगम तट पर पहुंचे थे और महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया था।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ को हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है। यह हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन इन चार जगहों पर बारी बारी से आयोजित होता है। प्रयागराज का कुंभ इसलिए सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पीएम मोदी की यात्रा का मतलब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महाकुंभ में मौजूदगी सरकार की इस आयोजन के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाती है। उनकी उपस्थिति से न सिर्फ मेले की भव्यता और बढ़ेगी, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए भी एक प्रेरणादायक क्षण होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ में शामिल होना न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है। यह देश की परंपराओं और आस्था को मजबूत करने वाला कदम है। उनकी मौजूदगी से इस ऐतिहासिक आयोजन की महत्ता और भी बढ़ जाएगी।