लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। Five people murdered in Lucknow उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक जनवरी 2025 को सनसनीखेज वारदात सामने आई। यहां सनकी ने अपनी मां और चार बहनों की बेरहमी से हत्या कर दी। हत्याकांड का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर थाने पहुंच गया और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। आरोपी ने सबको मौत की नींद सुलाने के बाद छह मिनट 54 सेकंड का वीडियो बनाया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सनकी कहा रहा है कि उसने पांचों की हत्याएं बस्ती वालों की वजह से की हैं। बस्ती वाले उसका मकान छीनना चाहता थे। बहनों को हैदराबाद में बेचने पर तुले थे। मैंने मदद की गुहार लगाई, पर किसी ने सुनवाई नहीं की। इसी के कारण मैंने सबको मारने का मन बना लिया।
पिता के साथ हत्याकांड को दिया अंजाम
लखनऊ के नाका थानाक्षेत्र के एक होटल में पांच लोगों की हत्या कर दी गई। आरोपी अरशद अपनी मां और चार बहनों को लेकर लखनऊ आया और एक होटल पर रूका। इस दौरान उसने ब्लेड के जरिए मां अस्मा, 18 साल की बहन रहमीन, 16 साल की अक्सा, 19 साल की अल्शिया और 9 साल की आलिया का गला काट कर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया। इस हत्याकांड में अरशद का पिता भी शामिल है, जो वारदात के बाद से फरार है। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी ने एक वीडियो बनाया। वीडियो में आरोपी ने मृत मां और बहनों को दिखाया।
बस्ती के लोगों पर लगाए आरोप
वीडियो में उसने बस्ती के लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में अरशद ने कहा कि बस्ती वालों की वजह से मजबूरी में हमने ये कदम उठाया। अपने हाथों से मां और बहन को मारा है। इसके जिम्मेदार बस्ती वाले हैं। हमारा घर इन लोगों ने छीनने के लिए न जाने कितने-कितने जुल्म किए। हमने आवाज उठाई तो हमारी किसी ने नहीं सुनी। 10-15 दिन हो गए, सर्दी में भटकते हुए। योगी जी से ये निवेदन है कि इन जैसे मुसलमानों को नहीं छोड़ें, पूरी बस्ती मौत की जिम्मेदार है।
आरोपी ने इनके लिए नाम
अरशद ने आगे कहा कि, मौत के जिम्मेदार रानू उर्फ आफताब अहमद, अलीम खान, सलीम खान, ड्राइवर, अहमद, अजहर और उसके और रिश्तेदार हैं, जो लड़कियों को बेचते हैं। इन लोगों का प्लान था कि हम लोगों को जेल पहुंचाकर हमारी बहनों को बेचेंगे। हम ये नहीं चाहते थे। अशद ने इसके बाद इस वीडियो में बहनों की लाशों को भी दिखाया। बताया कि उसने अपनी अम्मी की भी हत्या कर दी, बहनों को भी मार डाला। इस दौरान उसका पिता भी वीडियो में बैठा हुआ दिखाई दिया। वीडियो में असद कह रहा है कि उसने पुलिस से मदद मांगी, नेताओं से मदद मांगी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया।
हर मुसलमान एकसा नहीं होता
अरशद ने कहा, हम बदायूं के रहने वाले हैं। हम पर आरोप लगाते हैं कि बंग्लादेशी हैं। लेकिन बदायूं में रहने वाली हमारी ताई के पास सबकुछ मिल जाएगा। हम लोग बस्ती वालों से तंग आकर धर्म परिवर्तन करना चाहते थे। आज मेरी सारी बहनें मर रही हैं। मैं भी मर जाऊंगा। आरोपी ने आगे कहा, पीएम मोदी, सीएम योगी जी…हर मुसलमान एकसा नहीं होता है। हिंदुस्तान के अंदर फिर किसी परिवार को ऐसा नहीं करना पड़े। जीते जी नहीं तो मरने के बाद इंसाफ दे दीजिए। आप सच्चे हिंदू और ठाकुर हैं। तो मेरे घर में मंदिर बनना चाहिए।
फेमस होना चाहता था आरोपी
आरोपी ने आगे कहा कि, न जाने कितने गरीब लोगों की बेटियां इन लोगों ने उठाकर बेच दीं। बस्ती वालों ने चौकी अपने हाथ में ले रखी है। पुलिसकर्मियों को पैसा देकर बच जाते हैं। बता दें, आरोपी अरशद फेमस होना चाहता था। इसके लिए मां और बहनों की हत्या के बाद उसने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर पोस्ट कर दिया। पुलिस ने चार घंटे तक आरोपी से पूछताछ की। इस दौरान वह बार-बार सोशल मीडिया पर उसके पोस्ट पर क्या रिएक्शन आ रहे हैं, इसकी जानकारी मांगता रहा।
डीजीपी ने मांगी हत्याकांड की जानकारी
पांच लोगों की हत्या की जानकारी मिलने पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने पुलिस आयुक्त से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी। पुलिस आयुक्त ने डीजीपी को घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस मुख्यालय से आगरा पुलिस से भी प्रकरण की रिपोर्ट मांगी गई है। आरोपी ने बताया है कि वह मूलरूप से बदायूं का रहने वाला है। इस संबंध में बदायूं पुलिस से भी जानकारी की जा रही है। वहीं आरोपी के पड़ोसियों ने कई खुलासे किए हैं। पड़ोसियों का कहना है कि अशद और उसका पिता लड़ाकू किस्म के इंसान थे। अशद शराब पीता था। शादी के बाद पत्नी मायके चली गई। जिसके बाद अशद और खूंखार हो गया।
घर पर शव दफनाने पर आमादा
मां और बहनों का कत्ल करने वाले अरशद का अमानवीय चेहरा उसके मोहल्ले वालों ने पहले भी कई बार देखा है। अरशद छह साल पहले बीमारी से मरने वाली अपनी सौतेली बहन फरहीन को वह घर में ही दफनाने पर आमादा था। घर के अंदर कब्र तक खोदने लगा था। पड़ोसियों ने समझाने की कोशिश की तो पिता बदरुद्दीन ने जवाब दिया कि जनाजा उठाने के लिए चार लोग चाहिए, घर में कोई और है ही नहीं। इसके बाद पड़ोसी और मोहल्ले के लोगों ने पिता-पुत्र को समझाया, तब जाकर फरहीन को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।