वाराणसी ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के रमना गांव में सरकारी अधिकारी सिस्टम ने कागजी लिखापढ़ी में 35 से ज्यादा कुंवारी लड़कियों को प्रेग्नेट बना दिया। जब इसकी जानकारी लड़कियों के परिवारवालों को हुई तो उन्होंने आलाधिकारियों से शिकायत की। जिसके बाद विभाग ने डाटा को तुरंत डिलीट कर दिया और जिम्मेदार कर्मचारियों को नोटिस भेजा। खुद पूरे प्रकरण की जांच सीडीओ कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, दीपावली के दौरान रमना गांव की करीब 35 से अधिक किशोरियों के मोबाइल पर एक अजीबोगरीब मैसेज आया। इस मैसेज में उनका पंजीकरण एक गर्भवती महिला के रूप में कर दिया गया था। मोबाइल पर मैजेस पढ़ लड़कियों के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने घटना की जानकारी अपने परिवारवालों को दी। परिवारवाले जनपद के आलाधिकारियों से मिले और मैसेज के बारे में शिकायत की। जैसे ही यह मामला आलाधिकारियों के सामने आया, तत्काल संबंधित विभाग ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए डाटा को डिलीट कर दिया।
सबकी आय 2 लाख सालाना से कम
रमना गांव वाराणसी शहर से सटा हुआ है। यहां जितने भी परिवार रहते हैं, सबकी आय 2 लाख सालाना से कम है। 1 नवंबर को एक साथ इस गांव की 35 से ज्यादा लड़कियों के मोबाइल पर मैसेज आया। जिसमें उनके गर्भधारण और स्तनपान को लेकर जानकारी थी। यह मैसेज बाल विकास मंत्रालय से था। परिवारवालों ने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान और आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन लता से शिकायत की। आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने लड़कियों के परिवारवालों से कहा डाला डिलीट अपने आप हो जाएगा। पर परिवारवाले नहीं माने और एसडीएम से शिकायत करने पहुंच गए। बावजूद इसके महिला एवं बाल विकास विभाग के पोर्टल से इन लड़कियों के नाम नहीं हटे।
मैसेज में लिखा था प्रिय, बधाई हो
लड़कियों के परिवारवालों ने बताया कि 1 नवंबर, 2024 को पहला मैसेज 9.10 बजे आया था। पहला मैसेज में लिखा था प्रिय, बधाई हो, आपका बच्चा, पिहू पोषण ट्रैकर में सफलतापूर्वक पंजीकृत हो गया है। आप होम विजिट के जरिए से स्तनपान पर परामर्श, वृद्धिमाप, स्वास्थ्य रेफरल सेवाएं और टीकाकरण जैसी सेवाओं का लाभ आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से उठा सकते हैं। अधिक जानकारी या सहायता के लिए 14408 पर कॉल करें। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। 5 मिनट बाद दूसरा मैसेज प्रिय, पोषण ट्रैकर में आपका स्वागत है। एक स्तनपान कराने वाली मां के रूप में आप हॉट कुक्ड मील या राशन, परामर्श, बाल स्वास्थ्य निगरानी और गृहभ्रमण के माध्यम से स्तनपान सहायता जैसी सेवाओं का फायदा आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से उठा सकती हैं।
शिकायत के बाद बोले सीडीओ
ग्रामीणों ने बताया मैसेज आने के बाद हनमने एसडीएम से शिकायत की। वहां से आश्वासन मिला है कि पोर्टल से सभी का नाम हटा दिया जाएगा। लेकिन एसडीएम आफिस की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसके बाद हम सीडीओ से मिले तब जाकर डाटा डिलीट किया गया। मामले पर वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि ये एक मानवीय भूल का परिणाम थी। कुछ किशोरियों का पंजीकरण गर्भवती महिला के तौर पर किया गया था, और ये मैसेज दीपावली के पहले उनके मोबाइल पर पहुंचे थे। सीडीओ ने बताया कि यह घटना तब हुई जब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक योजना के तहत घर-घर जाकर ग्रामीण परिवारों के सदस्यों के आधार कार्ड और फॉर्म इकट्ठे कर रहे थे। इस प्रक्रिया के दौरान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने गलती से आधार नंबर सहित दोनों फॉर्म मिक्स हो गए, जिसके परिणामस्वरूप किशोरियों का पंजीकरण गर्भवती महिला के रूप में हो गया।
प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना
बता दें, अगर किसी परिवार की आय सालाना 2 लाख से कम है, तो उसे प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना के अंतर्गत गर्भ धारण करने पर ही 5 हजार रुपए मिलते हैं। इस गांव में ज्यादातर मजदूर परिवार हैं। जिनकी सालाना आय 2 लाख से कम है। एक महीने में किसी भी आगनबाड़ी के क्षेत्र में 2 या 3 ही गर्भवती रजिस्टर हो पाती हैं। किसी भी महिला के गर्भ धारण करने की जानकारी के बाद आगनबाड़ी उसके घर पहुंचती है और टिटनेस का इंजेक्शन लगाती हैं। इसके बाद उसका पोषण ट्रैकर रजिस्ट्रेशन होता है। फिर उसे पोषण थैली मिलती है जिसमें दलिया, दाल, तेल और चावल होता है। बच्चा होने तक यह मिलता है। फिर बच्चा होने पर हाटकुक्ड मिल मिलने लगता है। जो 6 महीने तक मां को मिलता है। फिर 3 से 7 वर्ष तक बच्चे को मिलता है। जानकार बताते हैं कि ये पूरा खेल इसी पांच हजार रूपए को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने खेला है।