Nainital District Panchayat President Election: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव एक बड़े राजनीतिक और कानूनी विवाद में फंस गया है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 14 अगस्त को पूरी हुई मतगणना के बाद चुनाव परिणामों पर रोक लगा दी और नतीजों को सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके पांच जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस की मौजूदगी में जबरन उठा लिया गया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हुई। देहरादून निवासी अभिषेक सिंह की याचिका में आरक्षण निर्धारण में गड़बड़ी के आरोप भी लगाए गए। कोर्ट ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तलब की है और 18 अगस्त को सुनवाई के बाद ही परिणाम घोषित करने या दोबारा मतदान पर अंतिम फैसला करेगी।
विवाद की शुरुआत
14 अगस्त 2025 को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान के दौरान राजनीतिक माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पांच निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को मतदान के दिन पुलिस की मौजूदगी में जबरन ले जाया गया। पार्टी का दावा है कि यह घटना चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से हुई। इसी के चलते कांग्रेस ने उत्तराखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए तत्काल चुनाव परिणामों पर रोक लगा दी और मतगणना के बाद तैयार नतीजों को सीलबंद करने का आदेश दिया।
वोट चोरी के बाद अब अपहरण और गोलीबाजी!
उत्तराखंड में नैनीताल के ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में आज BJP ने तलवारों और पिस्टलों की नोक पर 6 कांग्रेस ज़िला पंचायत सदस्यों का अपहरण कर लिया।
ये सभी सदस्य कांग्रेस के दूसरे चुने हुए सदस्यों के साथ वोटिंग के लिए बस में जा रहे थे।साथ… pic.twitter.com/3uv7nmoyGS
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) August 14, 2025
कांग्रेस के आरोप और पुलिस पर सवाल
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अपहरण की शिकायत के बावजूद Nainital पुलिस ने तल्लीताल थानाध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हाई कोर्ट ने इस लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही, कोर्ट ने पुलिस को लापता सदस्यों को तुरंत ढूंढने के निर्देश दिए। कांग्रेस नेताओं यशपाल आर्य, संजीव आर्य और सुमित हृदयेश ने भी इस मुद्दे पर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए।
चुनावी हिंसा और तनाव
Nainital चुनाव के दिन ही नैनीताल में कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की और मारपीट की घटनाएं हुईं। बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान फायरिंग हुई, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। इन घटनाओं ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया। कांग्रेस का कहना है कि उनके सदस्यों के कथित शपथ पत्र, जिनमें चुनाव से असंबंध होने की बात कही गई है, 14 अगस्त को ही दबाव में तैयार कराए गए।
अगला कदम
अब पूरा मामला 18 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर टिका है। हाई कोर्ट जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही तय करेगा कि चुनाव परिणाम घोषित किए जाएं या फिर दोबारा मतदान कराया जाए। यह फैसला न केवल नैनीताल बल्कि पूरे उत्तराखंड के पंचायत राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।