Noida Metro Extension: नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद तक मेट्रो चलाने की योजना को लेकर हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर पूरी रिपोर्ट और विस्तृत जानकारी तलब की है। इस मेट्रो कॉरिडोर से नोएडा, इंदिरापुरम, वसुंधरा और गाजियाबाद के लाखों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही दिल्ली, मेरठ और नोएडा के बीच कनेक्टिविटी भी और मजबूत होगी। गाजियाबाद हाईवे पर लगने वाले भीषण जाम से राहत पाने के लिए सरकार अब मेट्रो विस्तार को अंतिम रूप देने में जुट गई है। परियोजना का एक सिरा नमो भारत स्टेशन से भी जुड़ेगा, जिससे क्षेत्र में आवागमन के साथ-साथ आर्थिक विकास की नई राहें भी खुलेंगी।
सरकार ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने Noida इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद तक प्रस्तावित मेट्रो प्रोजेक्ट की पूरी रिपोर्ट मांगी है। जीडीए अधिकारियों ने शासन को डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और परियोजना पर आने वाली लागत की जानकारी सौंप दी है। शासन ने अब इस प्रोजेक्ट पर पूरी जानकारी मांगी है जिसे जल्द ही भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि इस पर जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हो सकती है, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
यातायात संकट से मिलेगी मुक्ति
गाजियाबाद से Noida आने-जाने वालों की भारी भीड़ के चलते हाईवे पर जाम आम बात हो गई है। हजारों की संख्या में रोजाना यात्री इस मार्ग से सफर करते हैं। मेट्रो लाइन शुरू होने से प्राइवेट वाहनों पर निर्भरता कम होगी और जाम से राहत मिलेगी। इस रूट से करीब 5 से 6 लाख लोगों को सीधा फायदा होने की संभावना है, जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी सुधरेगी।
विकास को मिलेगी रफ्तार
इस परियोजना के तहत Noida इलेक्ट्रॉनिक सिटी, वैभव खंड इंदिरापुरम, डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड इंदिरापुरम, वसुंधरा सेक्टर-7 और साहिबाबाद को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। अंतिम स्टेशन साहिबाबाद होगा। इसके अलावा, साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन को फुटओवर ब्रिज के जरिए नमो भारत स्टेशन से जोड़ा जाएगा, जिससे नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
क्षेत्रीय विकास की नई संभावना
Noida मेट्रो कॉरिडोर के इस विस्तार से इंदिरापुरम, वसुंधरा जैसे रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति मिलेगी। साथ ही क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। यह परियोजना केवल ट्रैफिक समाधान नहीं, बल्कि एक संपूर्ण विकास योजना के रूप में उभर रही है।