लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। संभल हिंसा के बाद पुलिस का ‘बदलापुर’ जारी है। जिन-जिन उपद्रवियों ने शहर को दंगा की आग में झोकने की साजिश रची। जिन-जिन दंगाईयों ने पुलिस पर पेट्रोल बम, पत्थर और असलहों से फायरिंग की, उन सब की पुलिस ‘चार्जशीट’ तैयार कर रही है। एक-एक दंगाई को सलाखों के पीछे भेजने को लेकर ऑपरेशन लांच हो चुका है। इसी कड़ी में तीन महिलाएं पकड़ी गई हैं। जिनपर संभल में हिंसा और बवाल करने का आरोप है.। आरोप है कि इन्होंने पथराव और आगजनी की और पुलिस समेत सुरक्षाबलों को हिला कर रख दिया।
इन तीन महिलाओं को किया अरेस्ट
संभल हिंसा के आरोप में पुलिस ने 27 आरोपियों को अरेस्ट किया हैं। जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस के हत्थे लगी महिलाओं के नाम रुकैया, फरहाना और नजराना हैं। तीनों महिलाओं पर आरोप है कि इन्होंने उपद्रवियों को अपने घरों पर रखा। छतों पर पत्थरों के अलावा पेट्रोल बम रखवाए। साथ ही छतों से पुलिस पर पत्थर के साथ पेट्रोन बम फेंके। इतना ही नहीं तीनों महिलाओं पर आरोप है कि इन्होंने सकरी गलियों में जाकर दंगाईयों की मदद की। तीनों महिलाओं ने उपद्रवियों की हेडमास्टर का रोल निभाया। खुद पुलिस पर गुरिल्ला अटैक किया। साथ ही उपद्रवियों के जरिए हमला करवाया। बताया जा रहा है कि पुलिस की रडार में कुछ और महिला दंगाई हैं। जिनकी पुलिस शिनाख्त कर चुकी है।
14 साल से लेकर 72 साल तक के लोग शामिल
वहीं संभल हिंसा को लेकर अब सूबे की योगी सरकार एक्शन मोड पर है। संभल पुलिस ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है और हिंसा में शामिल सभी अराजक तत्वों और उपद्रवियों को पकड़ रही है। माना जा रहा है कि कई आरोपी फरार भी हो चुके हैं। ऐसे में पुलिस उनपर भी पूरी नजर रख रही है। पुलिस ने अभी तक हिंसा को लेकर 12 केस दर्ज किए हैं। इनमें जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें 14 साल से लेकर 72 साल तक के लोग शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। हिंसा की अभी तक की जो तस्वीरें निकल कर सामने आई हैं। उसमें 20 से 30 साल के उपद्रवी सबसे ज्यादा शामिल हैं। इसमें कुछ नाबालिग भी दिखाई दे रहे हैं।
तमंचे भी बरामद
जो नाबालिग पुलिस ने पकड़े हैं उनके पास से तो तमंचे भी बरामद हुए हैं। अब सवाल उठता है कि इन नाबालिग पर तमंचे कहां से आए। इस पूरे बवाल में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जितने भी वीडियो अभी तक सामने आए हैं उसमें भीड़ को किसी ने भी रोकने का प्रयास नहीं किया है। जो भी वीडियो में दिख रहा है वह भीड़ का हिस्सा बनता जा रहा है। ज्यादा उम्र के लोग भी इस भीड़ का हिस्सा नहीं बने हैं। बड़ा सवाल यह भी है कि यह भीड़ जिस रास्ते से आई थी उसी रास्ते से लौटी भी है। मुमकिन यह भी है कि इसी भीड़ ने नखासा तिराहा पहुंचकर पथराव किया हो। इन सभी सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है।
मौतों की न्यायिक जांच शुरू
शहर में हुए बवाल के दौरान हुई मौतों की न्यायिक जांच चल रही है। डिप्टी कलक्टर मुख्यालय दीपक कुमार चौधरी जांच अधिकारी नामित हैं। वाहनों को फूंकने, तोड़फोड़ करने और 5 लोगों की मौत मामले की न्यायिक जांच डीएम के आदेश पर चल रही है। लोगों से अपील की गई है कि यदि किसी व्यक्ति पर घटना से जुड़ा कोई साक्ष्य है तो वह बृहस्पतिवार की शाम पांच बजे तक उपलब्ध करा सकता है। डिप्टी कलक्टर का कहना है कि साक्ष्य या बयान कार्यालय में उपस्थित होकर उपलब्ध कराएं। जिससे न्यायिक जांच आगे बढ़ सके। वहीं संभल के सभी बाजार बुधवार को खुल गए। लोगों की चहलकदमी भी बढ़ी लेकिन रौनक नहीं दिखाई दी।
लेकिन पुलिस की चौकसी बरकरार
एएसपी श्रीश्चंद्र ने फोर्स के साथ कई स्थानों पर पैदल गश्त की और लोगों से शांतिपूर्ण माहौल में सहयोग करने की अपील की। अब सामान्य दिनचर्या लोगों की बन रही है लेकिन पुलिस की चौकसी बरकरार है। दो कंपनी पीएसी और दो कंपनी आरएएफ की लगी हैं। इसके अलावा मंडल भर के थानों की फोर्स को चौकसी पर लगाया गया है। एएसपी संभल श्रीश्चंद्र ने बताया कि शहर में चौकसी लगातार बरती जा रही है। ड्यूटी अलग अलग प्वाइंट पर लगी है। पैदल गश्त कर लोगों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने में सहयोग की अपील की जा रही है। एएसपी ने बताया कि हम हालात सामान्य हैं। बाजार भी खुल गए हैं।