समाजवादी पार्टी ने विधायक पूजा पाल को पार्टी से निकाला, योगी की तारीफ बनी वजह

समाजवादी पार्टी ने प्रयागराज की चायल सीट से विधायक पूजा पाल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विधानसभा में की गई तारीफ के बाद तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया, जिससे उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

Pooja Pal Pal

Pooja Pal expulsion: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ लेते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज की चायल सीट से विधायक पूजा पाल को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था और जीरो टॉलरेंस नीति की तारीफ करना इस कार्रवाई की सीधी वजह बनी। पूजा पाल ने ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर चर्चा के दौरान अपने पति, दिवंगत विधायक राजू पाल के हत्यारे माफिया-राजनेता अतीक अहमद के खिलाफ योगी सरकार की सख्त कार्रवाई की सराहना की थी। Pooja Pal के बयान को सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधि माना। इस घटनाक्रम ने यूपी की सियासत में हलचल बढ़ा दी है और भविष्य के राजनीतिक समीकरणों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

निष्कासन का कारण

सपा के पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि Pooja Pal ने चेतावनी के बावजूद पार्टी विरोधी गतिविधियों को जारी रखा, जिससे संगठन को नुकसान हुआ। विधान सभा में उन्होंने कहा था, “मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिट्टी में मिलाने का काम किया।” यह वक्तव्य सपा की विपक्षी भूमिका के खिलाफ माना गया।

2005 में राजू पाल की हत्या के बाद पूजा पाल ने राजनीति में कदम रखा और बसपा के टिकट पर चायल उपचुनाव जीता। 2012 में भी उन्होंने बसपा से जीत दर्ज की, लेकिन 2014 में निष्कासित कर दी गईं। 2019 में वे सपा में शामिल हुईं और 2022 में विधायक बनीं।

फरवरी 2024 के राज्यसभा चुनाव में पूजा पाल ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा उम्मीदवार को समर्थन दिया था, जिससे सपा को नुकसान हुआ। इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में फूलपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल के लिए प्रचार भी किया था।

भविष्य की अटकलें

विश्लेषकों का मानना है कि पूजा पाल अब भाजपा में शामिल हो सकती हैं। उनके हालिया बयान और भाजपा के लिए सक्रिय प्रचार को इस दिशा में संकेत माना जा रहा है। सपा के मुख्य वोट बैंक पर इसका सीधा असर नहीं होगा, लेकिन कुर्मी समुदाय में असंतोष की संभावना है।

सपा के चीफ व्हिप कमाल अख्तर ने उनके बयान को भाजपा के इशारे पर दिया गया बताया और कहा कि अगर उन्हें पार्टी से आपत्ति थी, तो उन्हें शुरुआत में ही शामिल नहीं होना चाहिए था।

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